भारतीय नौसेना ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में अपने दूसरे प्रोजेक्ट 1135.6 फॉलो-ऑन फ्रिगेट ‘तवस्या’ का जलावतरण किया। यह युद्धपोत हवाई, सतह और पनडुब्बी युद्ध अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है। आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत यह स्वदेशी युद्धपोत निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रमुख विशेषताएँ
लॉन्च एवं तकनीकी विशिष्टताएँ
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तवस्या को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में लॉन्च किया गया।
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लंबाई: 124.8 मीटर, चौड़ाई: 15.2 मीटर, ड्राफ्ट: 4.5 मीटर।
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अधिकतम गति: 28 नॉट्स।
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कुल विस्थापन: 3,800 टन से अधिक।
युद्धक क्षमताएँ
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सतह, पनडुब्बी और वायु युद्ध अभियानों के लिए उपयुक्त।
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स्टील्थ तकनीक, उन्नत हथियार प्रणालियाँ, सेंसर और प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली से सुसज्जित।
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ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम, टॉरपीडो लॉन्चर, सोनार और सहायक नियंत्रण प्रणालियाँ शामिल।
प्रोजेक्ट 1135.6 और भारत-रूस सहयोग
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भारत और रूस ने 2016 में चार स्टील्थ फ्रिगेट निर्माण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
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इनमें से दो युद्धपोत रूस में और दो भारत में GSL के तहत बनाए गए।
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‘तवस्या’ इस श्रेणी का अंतिम जहाज और GSL में निर्मित दूसरा युद्धपोत है।
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पहला युद्धपोत ‘त्रिपुत’ 23 जुलाई 2024 को लॉन्च किया गया था।
रणनीतिक महत्व
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भारत के रक्षा निर्माण क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम।
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2029 तक ₹50,000 करोड़ ($5.85 बिलियन) रक्षा निर्यात लक्ष्य में योगदान।
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नौसेना की शक्ति और देश के शिपबिल्डिंग इकोसिस्टम को मजबूती प्रदान करेगा।
नेताओं के बयान
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राज्य रक्षा मंत्री संजय सेठ ने कहा कि यह लॉन्च भारत की तकनीकी प्रगति और रक्षा रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है।
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GSL के सीएमडी बृजेश कुमार उपाध्याय ने GSL को एक मध्यम स्तर के शिपबिल्डर से एक प्रमुख रक्षा शिपयार्ड में विकसित होने की उपलब्धि पर प्रकाश डाला।
पिछले विकास
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आईएनएस तुशील, दो अतिरिक्त अपग्रेडेड तलवार-क्लास फ्रिगेट्स में पहला, दिसंबर 2024 में रूस में कमीशन किया गया।
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प्रोजेक्ट 1135.6 के छह युद्धपोत पहले से सेवा में हैं, जिनमें तीन तलवार-क्लास और तीन तেগ-क्लास फ्रिगेट्स शामिल हैं।
श्रेणी | विवरण |
क्यों चर्चा में? | भारतीय नौसेना ने ‘तवस्या’ फ्रिगेट लॉन्च किया (प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत) |
फ्रिगेट का नाम | तवस्या |
प्रोजेक्ट | 1135.6 फॉलो-ऑन फ्रिगेट |
लॉन्च तिथि | 24 मार्च 2025 |
स्थान | गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) |
आकार | लंबाई: 124.8 मीटर, चौड़ाई: 15.2 मीटर, ड्राफ्ट: 4.5 मीटर |
गति | 28 नॉट्स |
विस्थापन | 3,800+ टन |
युद्धक क्षमताएँ | सतह, पनडुब्बी और वायु युद्ध संचालन |
स्टील्थ एवं स्वदेशी तकनीक | ब्रह्मोस, सोनार, टॉरपीडो लॉन्चर |
पहला फॉलो-ऑन फ्रिगेट | त्रिपुत (लॉन्च: 23 जुलाई 2024) |
रक्षा निर्यात लक्ष्य | ₹50,000 करोड़ ($5.85 बिलियन) (2029 तक) |
भारत-रूस सहयोग | घरेलू युद्धपोत निर्माण के लिए तकनीकी हस्तांतरण |