भारतीय नौसेना ने हाल ही में भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) में समुद्री सुरक्षा को लेकर अपनी प्रमुख पहल महासागर शिखर सम्मेलन का तीसरा संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित किया। यह सम्मेलन वर्चुअली आयोजित किया गया, और इसका विषय था, “IOR में साझा समुद्री सुरक्षा चुनौतियों को कम करने के लिए प्रशिक्षण सहयोग”। इस शिखर सम्मेलन में 10 देशों के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया और साझा समुद्री खतरों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों पर चर्चा की।
महासागर का पृष्ठभूमि
महासागर सम्मेलन की शुरुआत 2003 में हुई थी और यह द्विवार्षिक आयोजन है, जिसका उद्देश्य भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) में समुद्री सुरक्षा के प्रमुख प्रमुखों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। यह सम्मेलन समुद्री सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करने, साझेदारी को मजबूत करने और क्षेत्रीय क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विकास में एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। यह कार्यक्रम भारत की “सभी के लिए सक्रिय सुरक्षा और विकास” (ASGAR) के दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्य चर्चाएँ और निष्कर्ष
भारतीय नौसेना प्रमुख, एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने बांग्लादेश, कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और तंजानिया के प्रतिनिधियों के साथ उच्च-स्तरीय चर्चाएँ कीं। इस चर्चा का मुख्य फोकस था, गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण की महत्ता और IOR देशों के बीच प्रशिक्षण सहयोग के अवसरों के सृजन पर। यह भी चर्चा की गई कि समुद्री सुरक्षा के बढ़ते खतरे जैसे समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ने और पर्यावरणीय खतरों से निपटने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।
सहयोगात्मक प्रशिक्षण पर जोर
शिखर सम्मेलन में यह जोर दिया गया कि क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक सक्षम कार्यबल का विकास आवश्यक है, जो जटिल सुरक्षा परिदृश्यों का प्रभावी रूप से सामना कर सके। सम्मेलन ने भारतीय महासागर क्षेत्र में साझा समुद्री हितों को उजागर किया और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की महत्ता को रेखांकित किया।
आगे का मार्ग
महासागर शिखर सम्मेलन 2023 से लेकर अब तक एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है, जो क्षेत्रीय समुद्री स्थिरता को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है। इस संस्करण ने यह पुनः पुष्टि की कि IOR में समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए लगातार सहयोग और कौशल विकास की आवश्यकता है। भारतीय नौसेना की भूमिका इस सहयोगात्मक प्रयास को आकार देने में अहम रही है, और यह इसके नेतृत्व को प्रदर्शित करता है जो क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा ढांचे में निर्णायक भूमिका निभा रही है।
महासागर शिखर सम्मेलन समाचार के आधार पर प्रमुख बिंदुओं की एक तालिका यहां दी गई है
Why in News | Key Points |
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भारतीय नौसेना ने महासागर शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण की मेजबानी की | महासागर शिखर सम्मेलन भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित एक द्वि-वार्षिक कार्यक्रम है। |
तीसरे महासागर शिखर सम्मेलन का विषय | “आईओआर में आम समुद्री सुरक्षा चुनौतियों को कम करने के लिए प्रशिक्षण सहयोग।” |
शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देश | बांग्लादेश, कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका, तंजानिया। |
महासागर प्रक्षेपण वर्ष | 2003 में शुरू किया गया। |
महासागर शिखर सम्मेलन की आवृत्ति | यह द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है। |
प्रमुख नेता | एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, नौसेना प्रमुख, भारत। |
मुख्य चर्चा फोकस | साझी समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आईओआर देशों के बीच प्रशिक्षण सहयोग। |
भारतीय नौसेना की भूमिका | आईओआर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पहलों का नेतृत्व करना। |
हिंद महासागर क्षेत्र | वैश्विक समुद्री व्यापार, सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण। |
समुद्री सुरक्षा चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करें | हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ना और पर्यावरणीय खतरे जैसे मुद्दे। |