भारतीय नौसेना 20 और 21 नवंबर को अपनी राष्ट्रीय तटीय रक्षा अभ्यास ‘सी विजिल-24’ का चौथा संस्करण आयोजित करेगी। इस वर्ष का यह अभ्यास अब तक का सबसे बड़ा होगा, जो भारत के विस्तृत तटीय क्षेत्र को कवर करेगा और इसमें छह सरकारी मंत्रालयों और 21 संगठनों की भागीदारी होगी, जो अभूतपूर्व स्तर की साझेदारी को प्रदर्शित करेगा।
अवलोकन
- कार्यक्रम: सी विजिल-24, भारत का सबसे बड़ा तटीय रक्षा अभ्यास का चौथा संस्करण।
- तारीखें: 20-21 नवंबर, 2024।
- परिसर: यह अभ्यास भारत के पूरे तटीय क्षेत्र और विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) को कवर करेगा।
- भागीदारी: छह सरकारी मंत्रालयों, 21 संगठनों, और विभिन्न रक्षा एजेंसियों की भागीदारी होगी।
उद्देश्य
- भारत की तटीय सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाना।
- महत्वपूर्ण तटीय बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करना और समुद्री खतरों को रोकना।
मुख्य विशेषताएँ
CDSRE चरण
- तटीय रक्षा और सुरक्षा तत्परता मूल्यांकन (CDSRE) चरण की तैयारी अक्टूबर के अंत में शुरू हुई, जिसमें तटीय रक्षा बुनियादी ढांचे का ऑडिट किया गया।
- यह सभी तटीय राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, लक्षद्वीप और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में ऑडिट शामिल करता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय
- यह पहली बार है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के अधिकारी CDSRE चरण में शामिल होंगे।
प्रमुख सहभागी एजेंसियां
- राज्य समुद्री पुलिस, तटरक्षक, कस्टम्स, मत्स्य पालन और अन्य महत्वपूर्ण एजेंसियां सेना के साथ मिलकर अभ्यास में भाग लेंगी।
- भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना भी प्रमुख समर्थन प्रदान करेंगी, कई जहाजों और विमानों को तैनात कर अभ्यास को मजबूती देंगी।
प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित
तटीय सुरक्षा
- अभ्यास का ध्यान प्रमुख तटीय संपत्तियों की सुरक्षा पर होगा, जैसे कि:
- बंदरगाह
- तेल रिग्स
- सिंगल पॉइंट मूरिंग्स
- केबल लैंडिंग पॉइंट्स
- अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे
सुरक्षा ढांचे का परीक्षण
- सी विजिल-24 का उद्देश्य भारत के तटीय सुरक्षा ढांचे का परीक्षण और मजबूती करना है, ताकि समुद्री खतरों के खिलाफ तैयारियों को सुनिश्चित किया जा सके।
स्थानीय समुदायों और हितधारकों की भागीदारी
स्थानीय भागीदारी: स्थानीय मछुआरा समुदायों, निवासियों और समुद्री हितधारकों को अभ्यास में शामिल किया जाएगा।
शैक्षिक भागीदारी: एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के छात्र तटीय सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भाग लेंगे।
तटरेखा और विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) कवरेज
- कुल तटरेखा: 11,098 किमी
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ): 2.4 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करता है।
महत्व
- इस संस्करण में कई रक्षा, सुरक्षा और सरकारी एजेंसियों के बीच सबसे उच्च स्तर की भागीदारी और सहयोग शामिल होगा।
Summary/Static | Details |
चर्चा में क्यों? | सी विजिल-24 (तटीय रक्षा अभ्यास का चौथा संस्करण) |
तारीख | 20-21 नवंबर, 2024 |
दायरा | 11,098 किमी समुद्र तट और 2.4 मिलियन वर्ग किमी विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) को कवर करता है |
प्रतिभागियों | – 6 सरकारी मंत्रालय
– 21 संगठन – भारतीय सेना, वायु सेना, तटरक्षक बल, समुद्री पुलिस, सीमा शुल्क, मत्स्य पालन और अन्य एजेंसियां |
तैयारी | – सीडीएसआरई चरण अक्टूबर के अंत में तटीय राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ऑडिट के साथ शुरू हुआ |
नई भागीदारी | – राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय पहली बार सीडीएसआरई चरण में शामिल होगा |
फोकस क्षेत्र | – बंदरगाहों, तेल रिगों, सिंगल पॉइंट मूरिंग्स, केबल लैंडिंग पॉइंट्स और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा करना |
पैमाना | – कई रक्षा बलों (सेना, वायु सेना, नौसेना) की भागीदारी
– अभ्यास के लिए जहाज और विमान तैनात किए गए |
उद्देश्य | – तटीय सुरक्षा को बढ़ावा देना
– भारत के तटीय सुरक्षा ढांचे की तैयारी का परीक्षण करना |
महत्व | विभिन्न एजेंसियों और क्षेत्रों के बीच अभूतपूर्व सहयोग के साथ अब तक का सबसे बड़ा तटीय रक्षा अभ्यास |