एनपीएस पेंशन लाभ में सुधार के लिए चार सदस्यीय समिति
भारत सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत सरकारी कर्मचारियों के पेंशन लाभों को बढ़ाने के तरीकों की खोज करने के लिए एक समिति गठित की है। इस समिति का अध्यक्ष वित्त सचिव होगा और इसमें तीन और सदस्य होंगे: कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव, वित्त विभाग में विशेष सचिव, और पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) के चेयरमैन। समिति देखेगी कि क्या सरकारी कर्मचारियों के लिए NPS में कोई बदलाव आवश्यक है और वित्तीय सावधानी बरतते हुए NPS से लगातार निवेश करने वाले सरकारी कर्मचारियों के पेंशन लाभों को बढ़ाने के उपाय सुझाएगी।
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पुरानी पेंशन योजना की ओर बढ़ने वाले राज्यों के कदम ने बढ़ाई चिंताएं
कुछ राज्य सरकारों ने अंतिम वेतन पर आधारित एक निश्चित पेंशन प्रदान करने वाले पुराने पेंशन योजना में वापस जाने की घोषणा की है। यह जनप्रिय कदम के रूप में देखा जाता है, लेकिन इससे राज्य खजानों पर आर्थिक बोझ डालने के बारे में चिंताएं बढ़ी हैं। केंद्र सरकार का पेंशन मुद्दे को दोबारा देखने का फैसला यह सुझाता है कि यह राष्ट्रीय चुनावों से पहले महत्वपूर्ण जन सामान्य नीति मुद्दा बन सकता है।
राजकोषीय प्रभाव और बजटीय गुंजाइश पर विचार करेगी समिति
वित्त मंत्रालय ने आदेश जारी करके समिति की जिम्मेदारियों का विवरण दिया। समिति सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस की जांच करेगी और उस योजना के तहत शामिल लोगों के पेंशन लाभों को बढ़ाने के उपाय सुझाएगी। इसके साथ ही वह आर्थिक परिणामों और वित्तीय बजट स्थान पर असर को भी ध्यान में रखेगी ताकि आम नागरिकों के हितों को संरक्षित रखने के लिए आर्थिक सावधानी बरती जा सके।
पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोक सभा को सूचित करते हुए सरकार का फैसला बताया था कि एक समिति की स्थापना की जाएगी जो पेंशनों की जांच करेगी और एक ऐसा दृष्टिकोण विकसित करेगी जो सरकारी कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करता है और फिस्कल प्रुडेंस को बनाए रखता हुआ संतुलित रखता है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आदेश इस घोषणा से मेल खाता है और सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि NPS के तहत सरकारी कर्मचारियों के पेंशन लाभों को बढ़ाने के तरीकों का अन्वेषण किया जाए।