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भारतीय तटरक्षक बल के तीव्र गश्ती पोत ‘अटल’ का गोवा में जलावतरण

भारत ने अपनी तटीय सुरक्षा और समुद्री निगरानी क्षमताओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गोवा में भारतीय तटरक्षक बल के नवीनतम तेज गश्ती पोत (Fast Patrol Vessel – FPV) ‘अटल’ का जलावतरण किया गया। यह पोत गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) द्वारा वास्को-दा-गामा में निर्मित किया गया है और आठ अत्याधुनिक एफपीवी श्रृंखला में यह छठा पोत है। यह जलयान रक्षा निर्माण में ‘आत्मनिर्भरता’ के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से निर्मित है।

जहाज निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम

तेज गश्ती पोत ‘अटल’ (यार्ड 1275) को रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत सार्वजनिक उपक्रम गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) द्वारा डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। यह लॉन्च भारत की बढ़ती समुद्री रक्षा क्षमताओं का प्रतीक है और यह दर्शाता है कि देश अब उन्नत रक्षा प्रणालियों के निर्माण में विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं रह रहा है। ‘अटल’ का जलावतरण टीम GSL की अटूट प्रतिबद्धता, नवाचार और स्वदेशीकरण के प्रति समर्पण को दर्शाता है, जो उन्होंने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों के बावजूद सिद्ध किया है।

FPV ‘अटल’ की विशेषताएँ और क्षमताएँ:

  • आकार व भार: यह पोत 52 मीटर लंबा, 8 मीटर चौड़ा है और इसका वजन लगभग 320 टन है। इसकी संरचना इसे तेज़ और फुर्तीला बनाती है, जो तटीय सुरक्षा अभियानों के लिए उपयुक्त है।

  • संचालन भूमिकाएँ: ‘अटल’ को तटीय गश्त, द्वीप सुरक्षा, अपतटीय परिसंपत्ति रक्षा, तस्करी-विरोधी, समुद्री डकैती-रोधी और खोज व बचाव अभियानों के लिए तैयार किया गया है।

  • आधुनिक डिज़ाइन: GSL द्वारा देश में ही विकसित डिज़ाइन अत्याधुनिक नौसैनिक वास्तुकला का उदाहरण है, जो गति और स्थिरता दोनों सुनिश्चित करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान:

FPV ‘अटल’ का जलावतरण भारत की समुद्री सतर्कता को बढ़ाता है और भारतीय तटरेखा पर राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करता है। हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और तस्करी व समुद्री डकैती जैसी चुनौतियों के मद्देनज़र, ऐसे पोत भारत की अग्रिम रक्षा पंक्ति बनाते हैं। मुख्य अतिथि रोज़ी अग्रवाल (प्रधान आंतरिक वित्तीय सलाहकार, तटरक्षक मुख्यालय) ने GSL की क्षमता की सराहना की और पोत के माध्यम से भारत की समुद्री सुरक्षा संरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण बताया।

भागीदारी और सहयोग:

इस अवसर पर भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय नौसेना, रक्षा मंत्रालय और रणनीतिक औद्योगिक भागीदारों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जो भारत की रक्षा तैयारी को सशक्त बनाने में संयुक्त प्रयासों को दर्शाता है।

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