भारतीय सेना द्वारा ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों की वर्दी को लेकर एक अहम फैसला लिया गया है। भारतीय सेना ने मूल कैडर और नियुक्ति की परवाह किए बिना ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों के लिए एक समान वर्दी लागू की है। इससे भारतीय सेना के एक निष्पक्ष और न्यायसंगत संगठन होने के चरित्र को भी बल मिलेगा।
सेना की वर्दी में किए गए बदलाव
भारतीय सेना ने इस बदलाव को करने से पहले आर्मी कमांडर कॉन्फ्रेंस में काफी चर्चा की और सभी हितधारकों से चर्चा के बाद ही यह बदलाव लागू किया गया है। सेना के अधिकारियों का कहना है कि सैन्य अधिकारियों की टोपी, कंधे पर पहने जाने वाले बैज, वर्दी के कॉलर पर पहने जाने वाले जॉर्जेट पैचेज, बेल्ट और जूते ब्रिगेडियर और अन्य सभी फ्लैग रैंक के अधिकारियों के एक जैसे होंगे। सेना के अधिकारी अब लैनयार्ड नहीं पहनेंगे।
क्यों किए गए ये बदलाव?
बता दें कि भारतीय सेना में ब्रिगेडियर और अन्य फ्लैग अधिकारी यूनिट, बटालियन को कमांड करते हैं और अधिकतर उनकी तैनाती मुख्यालयों में होती है, जहां सभी रैंक के अधिकारी साथ काम करते हैं। एक जैसी वर्दी से वरिष्ठ अधिकारियों में एक पहचान विकसित होगी और वह भारतीय सेना की प्रकृति को प्रदर्शित करेंगे। उल्लेखनीय है कि ब्रिगेडियर रैंक से नीचे के अधिकारियों की वर्दी पहले जैसी ही रहेगी।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य बातें
- थल सेनाध्यक्ष: जनरल मनोज पांडे
- भारतीय सेना का आदर्श वाक्य: सेवा परमो धर्म