भारतीय सेना की राम डिवीजन ने उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित खड़गा कोर फील्ड ट्रेनिंग एरिया में एक शक्तिशाली सैन्य प्रदर्शन का आयोजन किया, जिसे ‘प्रचंड शक्ति’ नाम दिया गया। इस आयोजन में यह दिखाया गया कि ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रणाली, और लॉइटरिंग हथियारों जैसी आधुनिक तकनीकें सेना की अग्रिम इकाइयों की ताकत और गति को कैसे बढ़ा सकती हैं।
आधुनिक युद्धक क्षमताओं का प्रदर्शन
‘प्रचंड शक्ति’ प्रदर्शन का उद्देश्य सेना की स्ट्राइक कोर अभियानों में शामिल पैदल सेना को अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करना था। इसमें निम्नलिखित उन्नत प्रणालियों को प्रदर्शित किया गया:
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मानवरहित हवाई वाहन (UAVs)
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AI-सक्षम युद्ध प्रणाली
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स्वचालित प्लेटफॉर्म
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लॉइटरिंग म्युनिशन्स (बार-बार हमला करने वाले हथियार)
इन तकनीकों से सैनिकों को शत्रु क्षेत्र के भीतर गहराई तक हमले के दौरान अधिक फुर्ती, सटीकता और सुरक्षा मिलती है।
तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
यह प्रदर्शन सेना के ‘Year of Tech Absorption’ अभियान का हिस्सा है। इस पहल के तहत सेना स्वदेशी और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने का प्रयास कर रही है, ताकि युद्धक्षेत्र में उनकी प्रभावशीलता बढ़े।
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, इस अभियान का उद्देश्य है विदेशी उपकरणों पर निर्भरता कम करना और भारतीय प्रतिभा व नवाचार के जरिए सेना को भविष्य के लिए तैयार करना।
स्ट्राइक कोर की क्षमताओं को मज़बूत करना
राम डिवीजन, जो कि स्ट्राइक कोर अभियानों में एक प्रतिष्ठित इकाई मानी जाती है, ने इस आयोजन के माध्यम से यह परखा कि कैसे नई तकनीकें आक्रामक अभियानों के तरीके को पूरी तरह बदल सकती हैं। लक्ष्य यह है कि पैदल सेना को तेज़, शक्तिशाली और खतरनाक परिस्थितियों में अधिक टिकाऊ बनाया जाए।
इस सैन्य अभ्यास ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय सेना अब तकनीक-आधारित रणनीतियों को गंभीरता से अपना रही है, ताकि वह वैश्विक खतरों का बेहतर सामना कर सके।


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