भारत की तीनों सेनाएं- थल सेना, नौसेना और वायु सेना – राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी फील्ड फायरिंग रेंज में ‘भारत-शक्ति’ नामक सबसे बड़ा अभ्यास आयोजित करने जा रही हैं।
भारत की तीनों सेनाएं- थल सेना, नौसेना और वायु सेना- राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी फील्ड फायरिंग रेंज में ‘भारत-शक्ति’ नाम से सबसे बड़ा अभ्यास करने जा रही हैं। पीएम मोदी का संभावित दौरा भारतीय सशस्त्र बलों के इस शक्ति प्रदर्शन को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च 2024 को पोखरण का दौरा कर सकते हैं।
संयुक्त क्षमताओं का प्रदर्शन
- भारत शक्ति सेना, वायु सेना और नौसेना की मारक क्षमता को प्रदर्शित करने वाला एक महत्वपूर्ण त्रि-सेवा अभ्यास है।
- अभ्यास के दौरान तीनों भारतीय सेनाएं स्वदेश निर्मित हथियारों और प्लेटफार्मों की क्षमता का प्रदर्शन करेंगी।
- इस अभ्यास में केवल भारत में विकसित स्वदेशी हथियार प्रणालियों को ही शामिल किया जाएगा।
शीर्ष सैन्य नेताओं की भागीदारी पोखरण में 12 मार्च को होने वाले भारत-शक्ति अभ्यास में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान समेत तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारी हिस्सा लेंगे।
स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन
- इस अभ्यास के दौरान आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा का प्रदर्शन किया जाएगा।
- भारत में विकसित स्वदेशी रक्षा प्लेटफार्मों और नेटवर्क-आधारित प्रणालियों का परीक्षण किया जाएगा।
- इस अभ्यास से स्वदेशी हथियारों और उपकरणों की क्षमता का पता चलेगा।
प्रमुख स्वदेशी हथियार ‘भारत शक्ति’ अभ्यास में शामिल किए जाने वाले कुछ प्रमुख स्वदेशी उपकरण हैं:
- तेजस लड़ाकू विमान
- के-9 तोपखाने की बंदूक
- स्वदेशी ड्रोन
- पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर
- कम दूरी की मिसाइलें
संचार नेटवर्क का परीक्षण
- भारत-शक्ति अभ्यास के दौरान स्वदेशी संचार और नेटवर्क सिस्टम की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा।
- इसमें यह आकलन किया जाएगा कि युद्ध की स्थिति में दुश्मन देश इन सिस्टम को हैक कर सकते हैं या नहीं।
संयुक्त अभियान यह अभ्यास तीनों सशस्त्र बलों को एक साथ काम करने का अवसर प्रदान करेगा, क्योंकि वे आम तौर पर अलग-अलग तरीके से काम करते हैं।
स्वदेशीकरण पर जोर
- भारतीय सेना 100 फीसदी स्वदेशी हो गई है।
- भारत सरकार अब भारतीय नौसेना और वायुसेना को भी स्वदेशी बनाने पर जोर दे रही है।
- केंद्र सरकार का लक्ष्य आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए पनडुब्बी निर्माण और विमान इंजन निर्माण में स्वदेशी तकनीक का उपयोग करना है।