हर साल 8 अक्टूबर को पूरे देश में भारतीय वायु सेना दिवस (Indian Air Force Day) मनाया जाता है. इस बार वायु सेना अपनी 91वीं वर्षगांठ मना रहा है. वायु सेना के इस दिवस पर संगम नगरी प्रयागराज में मध्य वायु कमान मुख्यालय बमरौली में भव्य परेड का आयोजन किया गया. परेड की सलामी वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ली. वायु सेना दिवस पर नए ध्वज का अनावरण भी किया गया.
72 वर्ष के अंतराल के बाद वायुसेना के ध्वज में बदलाव किया गया। नए ध्वज का अनावरण वायुसेना प्रमुख चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने किया। इसी के साथ ही पुराने ध्वज को उतारकर संग्रहालय में रखवा दिया गया। आजादी के बाद वायु सेना का ध्वज 1951 में बनाया गया था। वह ध्वज नीले रंग का था। उसमें ऊपर बाएं कोने पर तिरंगा है। जबकि दाएं कोने पर नीचे वायुसेना का ट्राई कलर गोल निशान है। नया ध्वज भारतीय वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने के लिए बनाया गया है।
ट्राई कलर गोल निशान के ऊपर वायु सेना क्रेस्ट को शामिल किया गया है। इसमें ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक की लाट का शेर है। उसके नीचे देवनागरी में सत्यमेव जयते लिखा हुआ है। उसके बाद एक पंख फैलाए हुए हिमालयी बाज का चित्र है। यह बाज भारतीय वायुसेना के युद्ध कौशल को दर्शाता है। हल्के नीले रंग में भारतीय वायुसेना लिखा हुआ वलय हिमालयी बाज को घेरे हुए है। हिमालयी बाज के नीचे देवनागरी लिपि में वायुसेना का आदर्श वाक्य नभः स्पृशं दीप्तम् लिखा हुआ है।
नए ध्वज का अनावरण चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान की मौजूदगी में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने किया। वायुसेना अध्यक्ष ने पुराने ध्वज को उतारा और नए ध्वज को चढ़ा दिया। इस दौरान उनके सामने दो ड्रोन पर्दे की दीवार के पीछे से एक बड़ी पताका लेकर आए। इसके अलावा नए ध्वज के साथ हेलीकाप्टर नीची उड़ान से परेड के सामने से गुजरा। वायुसेना अध्यक्ष ने अनुकरणीय योगदान के लिए 16 स्क्वाड्रन, 142 हेलीकाप्टर यूनिट, 901 सिग्नल यूनिट और थ्री बेस रिपेयर डिपो को सम्मानित किया।