भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करते हुए, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंडियाAI कंप्यूट पोर्टल और AIKosha डेटासेट प्लेटफॉर्म सहित कई अन्य पहलें लॉन्च कीं। इंडियाAI मिशन के तहत उठाए गए ये कदम AI संसाधनों तक पहुंच को बढ़ाने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और भारत की AI क्षमताओं को विकसित करने के लिए हैं।
इंडियाAI कंप्यूट पोर्टल: AI विकास में क्रांति
सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक इंडियाAI कंप्यूट पोर्टल का शुभारंभ था, जो 18,000 से अधिक GPU, क्लाउड स्टोरेज और विभिन्न AI सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेगा।
कंप्यूट पोर्टल की मुख्य विशेषताएँ:
- छात्रों, स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी विभागों के लिए डिज़ाइन किया गया।
- AI मॉडल के निर्माण और प्रशिक्षण के लिए उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग संसाधन प्रदान करता है।
- सस्ती दरों पर AI संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
- भारत का अपना फाउंडेशनल AI मॉडल विकसित करने में सहायक होगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि GPU का उपयोग ₹100 प्रति घंटे से कम कीमत पर किया जा सकेगा, जिससे यह दुनिया की सबसे किफायती AI कंप्यूटिंग सेवाओं में से एक बनेगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के अपने AI मॉडल के लिए 67 आवेदन पहले ही आ चुके हैं, और अगले 3-4 वर्षों में भारत के GPU वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे।
AIKosha: भारत का एकीकृत डेटा प्लेटफॉर्म
कंप्यूट पोर्टल के साथ, AIKosha डेटासेट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया गया, जो डेटा-आधारित AI अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगा।
AIKosha के उद्देश्य:
- उच्च-गुणवत्ता वाले गैर-व्यक्तिगत डेटा तक आसान पहुंच प्रदान करना।
- AI डेवलपर्स और मॉडल निर्माताओं के लिए आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराना।
- भारत-केंद्रित AI मॉडल बनाने के लिए क्यूरेटेड डेटा प्रदान करना।
- AI स्टार्टअप्स, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी निकायों को अत्याधुनिक AI समाधानों के विकास में सहायता करना।
AIKosha संरचित और प्रमाणित डेटा प्रदान करके AI मॉडल विकास की प्रक्रिया को सरल बनाएगा, जिससे शोधकर्ताओं और व्यवसायों को मजबूत AI एप्लिकेशन बनाने में मदद मिलेगी।
भारत का अपना फाउंडेशनल AI मॉडल: एक महत्वाकांक्षी कदम
फाउंडेशनल AI मॉडल क्या है?
एक फाउंडेशनल मॉडल वह बड़ा AI मॉडल होता है जिसे विशाल डेटा सेट पर प्रशिक्षित किया जाता है और जो विभिन्न AI कार्यों को करने में सक्षम होता है। उदाहरण: ChatGPT, Google Gemini, Meta Llama।
भारत का किफायती AI मॉडल विजन
अश्विनी वैष्णव ने जोर देकर कहा कि जिस तरह भारत ने चंद्रयान मिशन को कम लागत में पूरा किया, उसी तरह भारत का AI मॉडल भी वैश्विक मॉडलों की तुलना में किफायती होगा। सरकार शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर एक प्रतिस्पर्धी और सभी के लिए सुलभ AI मॉडल विकसित करने पर कार्य कर रही है।
इंडियाAI मिशन के तहत अन्य प्रमुख पहलें
1. सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारियों के लिए AI क्षमता ढांचा
- इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने सरकारी अधिकारियों के लिए AI कौशल बढ़ाने और सार्वजनिक सेवाओं में AI के बेहतर उपयोग हेतु एक क्षमता ढांचा तैयार किया।
2. इंडिया AI स्टार्टअप्स ग्लोबल एक्सेलेरेशन प्रोग्राम
- यह भारतीय AI स्टार्टअप्स को वैश्विक बाजारों, मेंटरशिप और फंडिंग तक पहुंच दिलाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम है।
3. इंडिया AI फेलोशिप प्रोग्राम
- AI अनुसंधान और प्रतिभा विकास को बढ़ावा देने के लिए छात्रों को इंडिया AI फेलोशिप से सम्मानित किया गया।
- 30 AI एप्लिकेशन को उनके योगदान के लिए मान्यता दी गई।
इंडियाAI मिशन का बजट और कार्यान्वयन
- मार्च 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ₹10,371.92 करोड़ के बजट के साथ स्वीकृत।
- यह मिशन डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (DIC) के तहत इंडियाAI इंडिपेंडेंट बिजनेस डिवीजन (IBD) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
- मिशन का उद्देश्य पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के माध्यम से AI इकोसिस्टम को मजबूत करना है।
इंडियाAI मिशन का रणनीतिक महत्व
- AI अनुसंधान और विकास को गति देना।
- भारत की AI क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना।
- स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं और उद्यमों के लिए सुलभ AI अवसंरचना उपलब्ध कराना।
- स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और प्रशासन जैसे क्षेत्रों के लिए AI-आधारित समाधान विकसित करना।
निष्कर्ष:
इंडियाAI कंप्यूट पोर्टल और AIKosha प्लेटफॉर्म भारत को वैश्विक AI शक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कम लागत, उच्च गुणवत्ता और स्वदेशी AI मॉडल के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह मिशन भारत के डिजिटल भविष्य को नया आकार देगा।