Home   »   स्वच्छ ऊर्जा में निवेश पर जोर,...

स्वच्छ ऊर्जा में निवेश पर जोर, भारत के साथ मिलकर काम करेगा अमेरिका

स्वच्छ ऊर्जा में निवेश पर जोर, भारत के साथ मिलकर काम करेगा अमेरिका |_3.1

भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, सक्रियता से जी20 के एजेंडा को आगे बढ़ाने, नवीकरणीय ऊर्जा के वित्तपोषण के लिए वैकल्पिक तंत्र की संभावना तलाशने की प्रतिबद्धता जताई है। दोनों देशों ने जी20 के एजेंडा के तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए समन्वित कार्रवाई और बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) को मजबूत करने के लिए भी काम करने की सहमति जताई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने  जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक से इतर द्विपक्षीय बैठकें कीं। इन बैठकों में जलवायु परिवर्तन, निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले देशों पर बढ़ते कर्ज के बोझ, डिजिटल सार्वजनिक ढांचे जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।

 

प्रमुख सहयोगात्मक प्रयास

जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देना: भारत और अमेरिका ने जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देने और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को सुविधाजनक बनाने के लिए मिलकर काम करने का वादा किया है। भारत के ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए पूंजी की कम लागत देने और निजी निवेश बढ़ाने के लिए एक निवेश मंच पर विचार किया जा रहा है।

बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) को मजबूत करना: एमडीबी के विकास को आगे बढ़ाने में भारत के नेतृत्व की अमेरिका ने सराहना की है। दोनों देश G20 प्रयासों के हिस्से के रूप में बहुपक्षीय ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।

ग्लोबल टैक्स डील: भारत और अमेरिका दो-स्तंभीय वैश्विक टैक्स डील पर समझौते के करीब हैं। इस तंत्र में बहुराष्ट्रीय निगमों पर कर लगाने के लिए राष्ट्रों के अधिकार को बढ़ाना और इन निगमों पर वैश्विक न्यूनतम कर लागू करना शामिल है।

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) विवाद: भारत और अमेरिका ने अपने छह डब्ल्यूटीओ विवादों को सुलझा लिया है, जिससे दोनों देशों के बीच बेहतर व्यापार संबंधों को बढ़ावा मिला है।

समृद्धि के लिए इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ): भारत और अमेरिका आईपीईएफ के तहत चीन से अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को जोखिम से मुक्त करने, आर्थिक संबंधों और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

 

समृद्ध और न्यायसंगत भविष्य

भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को दुनिया भर में सकारात्मक बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में देखा जाता है। साझेदारी का लक्ष्य एक-दूसरे की विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाकर एक समृद्ध और न्यायसंगत भविष्य बनाना है। आर्थिक विकास, नवाचार और सतत विकास पर ध्यान विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

 

 Find More International News Here

China launched world's first methane-fuelled space rocket_90.1
स्वच्छ ऊर्जा में निवेश पर जोर, भारत के साथ मिलकर काम करेगा अमेरिका |_5.1