भारत और अमेरिका ने नई दिल्ली में 2+2 वार्ता का पहला संस्करण आयोजित किया. बैठक का लक्ष्य द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के साथ-साथ विशेष रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपनी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देना था. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल आर पोम्पेओ और रक्षा सचिव जेम्स मैटिस के साथ बातचीत की.
सैन्य संबंध:
अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल आर पोम्पेओ के अनुसार, दोनों पक्षों को समुद्र की आजादी सुनिश्चित करना जारी रखना चाहिए और उन क्षेत्रीय और समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण प्रस्तावों के प्रति काम करना चाहिए, जो दक्षिण चीन सागर में चीन के विस्तारवादी व्यवहार के लिए एक परोक्ष संदर्भ के रूप में देखा जाता है. उन्होंने बाजार आधारित अर्थशास्त्र और सुशासन को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया.
परमाणु समझौता:
ईरानी कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों और रूस से S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों के बैच खरीदने की भारत की योजना पर अन्य प्रतिबंधों के एक राफ्ट पर चर्चा की गई. मई में, अमेरिका ने ऐतिहासिक ईरान परमाणु समझौते से अपना नाम वापस लिया और तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबंधों के बदले में निलंबित कर दिए गए प्रतिबंधों को फिर से लगाया. इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल प्रदायक है.
स्रोत-दि हिंदू बिजनेस लाइन