भारत में पहली अप्रैल से दुनिया का सबसे साफ पेट्रोल और डीजल इस्तेमाल होना शुरू हो जाएगा क्योंकि भारत में अब यूरो-IV ग्रेड के स्थान पर यूरो-VI पेट्रोल की ही आपूर्ति जाएगी है। इसकी बिक्री के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो जाएगा, जो इस ईधन का इस्तेमाल करते है, जिसमें सल्फर की मात्रा प्रति मिलियन केवल 10 प्रतिशत है और इससे वाहनों के उत्सर्जन में कटौती होगी जो शहरों में होने वाले प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है।
भारत स्टेज- VI (BS-VI) में केवल 10 पीपीएम की सल्फर मात्रा है और जो उत्सर्जन मानक सीएनजी के समान अच्छे हैं। सरकारी स्वामित्व वाली तेल रिफाइनरियों ने संयंत्रो को अपग्रेड करने के लिए लगभग 35,000 करोड़ रुपये खर्च किए जो अल्ट्रा-लो सल्फर ईंधन का उत्पादन कर सकते थे।
उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री: धर्मेंद्र प्रधान.