भारत ने रेल-आधारित मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म से अग्नि-प्राइम (Agni-Prime) मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जो रक्षा प्रौद्योगिकी में एक बड़ी उपलब्धि है। इस सफलता के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है—जैसे अमेरिका, चीन और रूस—जो रेल प्लेटफ़ॉर्म से बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम हैं। यह परीक्षण न केवल तकनीकी सफलता है, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भारत की सेकंड-स्ट्राइक क्षमता और नाभिकीय निवारक स्थिति को भी मजबूत करता है।
अग्नि-प्राइम क्या है?
अग्नि-प्राइम (Agni-P), डीआरडीओ द्वारा विकसित भारत की अग्नि मिसाइल श्रृंखला का नवीनतम संस्करण है।
मुख्य विशेषताएँ:
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श्रेणी: लगभग 2,000 किमी
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प्रोपल्शन: दो-स्टेज ठोस ईंधन
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लॉन्च प्रकार: कैनिस्टरीकृत (सुरक्षित और त्वरित तैनाती संभव)
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मोबिलिटी: पहले रोड-मोबाइल संस्करण में शामिल, अब रेल-आधारित तैनाती सफल परीक्षण
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सटीकता: हल्की, तेज और अधिक सटीक
उन्नत और स्वायत्त प्रणाली
अग्नि-प्राइम में शामिल हैं:
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उन्नत संचार प्रणाली
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स्वतंत्र लॉन्च प्रणाली
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सुरक्षित संचालन के लिए सुरक्षा उपाय
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ग्राउंड स्टेशनों ने पूरी उड़ान पथ की निगरानी की और मिशन उद्देश्यों की पुष्टि की
सफल लॉन्च का विवरण
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सह-कार्यकारी संगठन: डीआरडीओ और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC)
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स्थान: गुप्त
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प्लेटफ़ॉर्म: विशेष रेल-मोबाइल लॉन्चर
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विशेषता: पूरी प्रणाली स्वायत्त, तेजी से प्रतिक्रिया और छिपकर संचालन सक्षम
रणनीतिक महत्व
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सेकंड-स्ट्राइक क्षमता में वृद्धि
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रेल-आधारित प्लेटफ़ॉर्म नाभिकीय त्रि-साधन (भूमि, वायु, समुद्र) में एक महत्वपूर्ण परत जोड़ते हैं।
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तेजी से तैनाती, अधिक कवरेज
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रेल नेटवर्क से लॉन्चिंग प्रतिक्रिया समय कम करता है और मिसाइल बलों को तेजी से पुनर्स्थापित करने की सुविधा देता है।
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कम कमजोरता
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स्थिर मिसाइल साइलो की तुलना में रेल मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म दुश्मन के लिए ट्रैक करना कठिन बनाते हैं।
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मुख्य बिंदु
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अग्नि-प्राइम का पहला रेल-आधारित सफल परीक्षण
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श्रेणी: 2,000 किमी, सटीक मार क्षमता
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रणनीतिक मोबिलिटी: रेल पर तैनाती से कम पता चलना
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भारत की नाभिकीय निवारक क्षमता में मजबूती
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परीक्षण डीआरडीओ और SFC ने मिलकर ऑपरेशनल परिस्थितियों में किया


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