भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2036 में प्रतिष्ठित ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की परिकल्पना को साकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने 1 अक्टूबर 2023 को IOC को यह इरादा पत्र सौंपा, जो भारत के वैश्विक खेल प्रोफाइल को बढ़ाने के लिए चल रही कोशिशों का हिस्सा है। यह भारत के लिए पहला मौका होगा जब वह ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करेगा, जो देश के नागरिकों के लिए एक लंबा समय से संजोई गई ख्वाहिश को पूरा करेगा।
भारत की 2036 ओलंपिक के प्रति प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की ओलंपिक मेज़बानी की आकांक्षाओं को लेकर स्पष्ट रूप से अपनी प्रतिबद्धता जताई है। मुंबई में हुए 141वें IOC सत्र में मोदी ने कहा, “हम 2036 में भारत में ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।” भारत के बढ़ते खेल ढांचे और वैश्विक खेल आयोजनों में भागीदारी के मद्देनज़र, इस बोली को भारत के खेल क्षेत्र के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
प्रतिस्पर्धी बोली और भविष्य के मेज़बान चयन की प्रक्रिया
भारत, 2036 के ओलंपिक के लिए मेक्सिको, तुर्की और इंडोनेशिया जैसे कई देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। IOC की Future Host Commission चयन प्रक्रिया की निगरानी करेगी। इसके अलावा, सैंटियागो (चिली) और मिस्र की नई प्रशासनिक राजधानी जैसे शहर भी ओलंपिक की मेज़बानी के लिए दावा प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य अफ्रीका का पहला ओलंपिक मेज़बान शहर बनना है। इन देशों ने भविष्य के अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए सफल बोलियां प्रस्तुत की हैं और वे खुद को गंभीर दावेदार के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।
भारत के ओलंपिक सपने: आनेवाले वर्ष
भारत की आधिकारिक बोली को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा, लेकिन सरकार, ओलंपिक निकायों और स्थानीय अधिकारियों की ओर से यह प्रतिबद्धता स्पष्ट है। आगामी वर्षों में रणनीतिक योजना, बेहतर खेल अवसंरचना और वैश्विक विशेषज्ञों से सहयोग—जैसे कि फ्रांस से विशेषज्ञता का आदान-प्रदान—किया जाएगा, ताकि भारत 2036 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के लिए तैयार हो सके। अगर भारत की बोली सफल होती है, तो यह न केवल भारत के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक लाभ भी लेकर आएगा, जिसमें अवसंरचना में सुधार, पर्यटन को बढ़ावा, और युवा पीढ़ी की भागीदारी शामिल है।
यहां मुख्य बिंदुओं का सारांश देने वाली एक तालिका दी गई है
| Why in News | Key Points |
|---|---|
| 2036 ओलंपिक के लिए भारत की दावेदारी | भारत ने 2023 में 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी के लिए औपचारिक बोली प्रस्तुत की। |
| सबमिट करने वाली संस्था | भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बोली प्रस्तुत की। |
| समर्थन | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से इस बोली का समर्थन किया है। |
| उद्देश्य | अत्याधुनिक खेल अवसंरचना का निर्माण करना और खेलों के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाना। |
| संभावित प्रभाव | इस बोली का उद्देश्य प्रशिक्षण तक बेहतर पहुंच प्रदान करना और भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करना है। |
| भविष्य की योजनाएं | भारत 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी ऐसे शहर में करना चाहता है जो इस वैश्विक आयोजन की मेजबानी कर सके। |
| संबद्ध योजना/योजना | युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए पूरे भारत में खेल बुनियादी ढांचे का विकास। |


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