भारत ने डेनमार्क के साथ दोनों देशों के बीच “बिजली सहयोग” विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन पर भारत सरकार के बिजली मंत्रालय और डेनमार्क की सरकार के ऊर्जा, जनोपयोगी सेवा और जलवायु मंत्रालय के बीच हस्ताक्षर किए गए है। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य बिजली क्षेत्र में दोनों देशों के बीच मजबूत, गहरा और दीर्घकालिक सहयोग विकसित करना है।
दोनों देशों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग के लिए किए गए है: अपतटीय पवन, दीर्घकालिक ऊर्जा नियोजन, पूर्वानुमान, नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में विविधता, बिजली खरीद समझौतों में लचीलापन, बिजली संयंत्र के लचीलेपन को प्रोत्साहित करने, ग्रिड में लचीलापन, ग्रिड कोडों का सुदृढ़ीकरण, ताकि बिजली उत्पादन के विभिन्न प्रभावी विकल्पों को जोड़कर उनका परिचालन किया जा सके।
समझौता ज्ञापन के अनुसार, भारत और डेनमार्क द्वारा पहचान किए गए क्षेत्रों के कार्यान्वयन के लिए एक संयुक्त कार्य दल (Joint Working Group) की भी स्थापना की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे और दोनों पक्षों की ओर से सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक परिचालन समिति को रिपोर्ट करेंगे ।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- डेनमार्क के प्रधान मंत्री: मेटे फ्रेडरिकसेन.
- डेनमार्क की राजधानी: कोपेनहेगन; मुद्रा: डेनिश क्रोन.