चक्रवात ‘दित्वाह’ से श्रीलंका में हुई भारी तबाही के बीच भारत ने मानवीय सहायता अभियान ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत अपनी राहत कार्रवाई को और तेज़ कर दिया है। भारतीय नौसेना ने चार अतिरिक्त युद्धपोत भेजकर राहत कार्यों का विस्तार किया है, जिससे संकटग्रस्त आबादी को तत्काल सहायता पहुँचाई जा सके। यह कदम भारत की क्षेत्रीय जिम्मेदारी और मानवीय नेतृत्व को मजबूत करता है।
नवंबर 2025 के अंत में आए चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में:
भीषण बाढ़
भूस्खलन
सड़क व पुल सहित बुनियादी ढांचे को नुकसान
पानी, आश्रय और चिकित्सा सुविधा की गंभीर कमी
जैसी चुनौतियाँ पैदा कर दीं। इसी स्थिति में भारत ने व्यापक मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभियान शुरू किया।
ऑपरेशन सागर बंधु भारत का तेज़ मानवीय सहायता मिशन है, जिसे चक्रवात दित्वाह से प्रभावित श्रीलंका की मदद के लिए शुरू किया गया है। यह मिशन भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति और MAHASAGAR विज़न के अनुरूप भारतीय महासागर क्षेत्र में सहयोग और मानवीय सहायता पर केंद्रित है।
इसमें शामिल हैं:
भारतीय नौसेना के जहाज और LCU (लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी)
भारतीय वायुसेना और NDRF द्वारा निकासी, चिकित्सा एवं राहत
भोजन, पानी, तंबू, दवाइयाँ और बचाव उपकरण जैसी आवश्यक सामग्री की आपूर्ति
8 दिसंबर 2025 को भारतीय नौसेना ने राहत कार्य मजबूत करने के लिए चार और जहाज भेजे:
INS Gharial (अम्फीबियस युद्धपोत)
LCU 54
LCU 51
LCU 57
इन जहाजों में लगभग 1,000 मीट्रिक टन मानवीय सहायता सामग्री लदी हुई है।
तीनों LCU जहाज 7 दिसंबर को कोलंबो पहुँच चुके हैं
INS Gharial 8 दिसंबर को त्रिंकोमाली पहुँचकर पूर्वी श्रीलंका में राहत पहुँचाएगा
यह अभियान दोनों देशों के बीच:
मानवीय सहयोग
पारस्परिक विश्वास
आपदा के समय त्वरित सहायता
जैसे गहरे रिश्तों को दर्शाता है।
भारत ने दिखाया है कि वह:
तेज़ प्रतिक्रिया
बड़े पैमाने पर तैनाती
बहु-सेवाओं के समन्वय
के साथ क्षेत्र में अग्रणी HADR प्रदाता है।
शांतिपूर्ण अभियानों में लगे नौसैनिक जहाजों को तुरंत राहत मिशन में लगाया गया — यह भारत की सैन्य संपत्तियों की लचीलापन क्षमता दर्शाता है।
| विषय | विवरण |
|---|---|
| ऑपरेशन की शुरुआत | 28 नवंबर 2025 |
| प्रभावित क्षेत्र | श्रीलंका के पश्चिमी, दक्षिणी और मध्य हिस्से |
| प्रारंभिक राहत | IAF और नौसेना द्वारा 53 टन सहायता |
| निकासी | 2,000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित निकाला |
| चिकित्सा सहायता | फील्ड अस्पतालों में 2,000+ मरीजों का इलाज |
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