भारत ने साल 2022 की पहली छमाही में सौर उर्जा उत्पादन के कारण 1.94 करोड़ टन कोयले की बचत की है। एक ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है कि कोयले के साथ ही भारत ने ईंधन लागत में 4.2 अरब डॉलर की बचत की है। एनर्जी थिंक टैंक एम्बर, सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर और इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें खुलासा हुआ है कि 2022 की पहली छमाही में सौर उत्पादन के कारण ईंधन लागत में 4.2 बिलियन यानी तकरीबन 32,603 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
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एनर्जी थिंक टैंक एम्बर, सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर और इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस ने अपने विश्लेषण के बाद यह भी बताया है कि सोलर उर्जा क्षमता से लैस टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में से पांच एशिया महाद्वीप में हैं। सोलर क्षमता से लैस इन शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से पांच भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और वियतनाम हैं। सौर उर्जा की खपत को लेकर आज जारी हुई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया महाद्वीप के सात प्रमुख देशों में सौर उत्पादन के जरिए जनवरी से जून 2022 तक लगभग 34 अरब डॉलर की संभावित जीवाश्म ईंधन लागत बची है।