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भारत, सऊदी अरब ने समुद्री सहयोग बढ़ाने के लिए संयुक्त कार्य समूह का गठन किया

भारत और सऊदी अरब ने रणनीतिक संबंधों को और मज़बूत बनाने की दिशा में एक अहम क़दम उठाते हुए शिपिंग और लॉजिस्टिक्स पर संयुक्त कार्यदल (Joint Working Group – JWG) गठित करने का निर्णय लिया है। यह समझौता 20 अगस्त 2025 को आयोजित एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक में हुआ, जिसमें भारत के केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल और सऊदी अरब के परिवहन एवं लॉजिस्टिक सेवाओं के मंत्री सालेह बिन नासिर अल-जासर शामिल हुए।

समुद्री सहयोग क्यों महत्त्वपूर्ण है?

ऐतिहासिक और आर्थिक रिश्ते

  • भारत और सऊदी अरब के बीच सदियों पुराने आर्थिक व सामाजिक-सांस्कृतिक संबंध हैं, जो अब रणनीतिक साझेदारी में बदल चुके हैं।

  • सऊदी अरब भारत का पाँचवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, वहीं भारत सऊदी का दूसरा सबसे बड़ा साझेदार है।

  • यह नई साझेदारी व्यापार मार्गों को मज़बूत करेगी, लॉजिस्टिक्स लागत कम करेगी और निवेश के नए अवसर पैदा करेगी।

वर्तमान द्विपक्षीय व्यापार

  • भारत–सऊदी अरब व्यापार (वित्त वर्ष 2024–25): लगभग 42 अरब अमेरिकी डॉलर

समुद्री समझौते की प्रमुख बातें

  1. संयुक्त कार्यदल (JWG) का गठन

    • शिपिंग और लॉजिस्टिक्स सहयोग पर केंद्रित

    • नीति संवाद, निवेश योजना और परियोजनाओं के तालमेल को बढ़ावा देगा

  2. रणनीतिक परिवहन कॉरिडोर

    • प्रमुख परियोजना: जेद्दा – मुंद्रा/नावा शेवा शिपिंग मार्ग (Folk Maritime Services द्वारा)

    • लाभ:

      • ट्रांज़िट समय में कमी

      • व्यापार लागत में कमी

      • भारत और सऊदी बंदरगाहों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी

  3. डिजिटल सहयोग

    • भारत ने सऊदी को MAITRI डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ने का प्रस्ताव दिया

    • उद्देश्य:

      • समुद्री व्यापार का एकीकरण

      • पेपरलेस ट्रेड, कार्गो ट्रैकिंग और लॉजिस्टिक्स पारदर्शिता को बढ़ावा

रणनीतिक दृष्टिकोणों का सामंजस्य

भारत की दृष्टि

  • Maritime India Vision 2030

  • अमृत काल विज़न 2047

सऊदी अरब की दृष्टि

  • Saudi Vision 2030

इन रोडमैप्स की प्राथमिकताएँ:

  • बंदरगाह विकास

  • सतत समुद्री लॉजिस्टिक्स

  • निजी क्षेत्र की भागीदारी

  • प्रौद्योगिकी-आधारित समुद्री प्रशासन

निवेश के लिए खुले प्रमुख भारतीय प्रोजेक्ट

  • वधावन पोर्ट (महाराष्ट्र) – प्रमुख ट्रांसशिपमेंट हब

  • वीओ chidambaranar पोर्ट (तमिलनाडु) का आउटर हार्बर प्रोजेक्ट – गहरे ड्राफ्ट और कार्गो विस्तार की क्षमता

भारत ने सऊदी अरब को इन मेगा प्रोजेक्ट्स में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के अवसर तलाशने के लिए आमंत्रित किया है।

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