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वैश्विक मत्स्य उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर

भारत ने एक बार फिर वैश्विक मत्स्य क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति को सिद्ध करते हुए दुनिया में मछली उत्पादन में दूसरा स्थान हासिल किया है। यह घोषणा केंद्रीय मत्स्य पालन एवं पशुपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कोलकाता में एक बैठक के दौरान की। इस बैठक में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों के साथ मछली उत्पादन को और अधिक बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई।

मत्स्य उत्पादन में तीव्र वृद्धि

केंद्रीय मंत्री ने देश की प्रगति को रेखांकित करते हुए बताया कि वर्ष 2024–25 में भारत का मत्स्य उत्पादन 2013–14 की तुलना में 103% बढ़ा है। यह उल्लेखनीय वृद्धि सरकार की योजनाओं के प्रभाव और ग्रामीण समुदायों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है। मंत्री ने विशेष रूप से पश्चिम बंगाल का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध तालाबों और जल संसाधनों के कारण मत्स्य उत्पादन में और योगदान देने की अपार संभावनाएं हैं।

सरकारी योजनाओं की भूमिका

बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की गई, जिसका उद्देश्य मत्स्य क्षेत्र में उत्पादकता, टिकाऊ विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना पर भी चर्चा हुई, जो मछली पालकों को वित्तीय सहायता प्रदान कर अवसंरचना सुधार, चारा खरीद और आधुनिक तकनीकों को अपनाने में सहायक बनती है।

क्षेत्रीय विकास पर ध्यान

बैठक में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों की उपस्थिति इस बात को दर्शाती है कि सरकार विभिन्न राज्यों में मत्स्य पालन को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय मंत्री ने स्थानीय निकायों और किसानों से आग्रह किया कि वे तालाबों, नदियों और जलाशयों का अधिकतम उपयोग करें, जिससे मत्स्य उत्पादन में सतत वृद्धि हो सके और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती मिले।

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