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निवेश पर भारत-कतर संयुक्त कार्यबल ने संबंध मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई

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भारत और कतर के निवेश पर संयुक्त कार्यबल (जेटीएफआई) की पहली बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता फिर से जतायी गयी है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त कार्य बल की बैठक की सह-अध्यक्षता आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ और कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अवर सचिव मोहम्मद बिन हसन अल-मलकी ने की।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, “निवेश पर संयुक्त कार्यबल ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और बुनियादी ढांचे और ऊर्जा से लेकर प्रौद्योगिकी और नवाचार तक के विविध क्षेत्रों में त्वरित वृद्धि, निवेश के अवसरों और सहयोग बढ़ाने की दोनों देशों की प्रतिबद्धता दोहराई है।”

बयान में कहा गया कि जेटीएफआई ने भारत और कतर के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों के महत्व का जिक्र किया है, जो साझा मूल्यों, समान उद्देश्यों और समावेशी विकास के लिए साझा दृष्टिकोण पर आधारित है।

विविध निवेश अवसरों की खोज

बैठक के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के अवसरों का लाभ उठाने के लिए दोनों देशों की सामूहिक क्षमता का लाभ उठाने पर चर्चा की गई। बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर प्रौद्योगिकी और नवाचार में प्रगति तक, टास्क फोर्स ने उन तालमेलों की पहचान करने की कोशिश की, जिनसे दोनों देशों को लाभ होगा।

समावेशी विकास के लिए साझा दृष्टिकोण

समावेशी विकास को बढ़ावा देने के साझा लक्ष्य के साथ, भारत और कतर ने सतत आर्थिक विकास और समृद्धि प्राप्त करने की दिशा में मिलकर काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। बैठक में इस दृष्टिकोण को साकार करने और दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने में सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

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FAQs

समावेशी विकास की परिभाषा क्या है?

समावेशी विकास एक न्यायसंगत विकास दृष्टिकोण है जो इस समझ पर आधारित है कि सभी विविध पहचानों और अनुभवों वाला प्रत्येक व्यक्ति और समुदाय अपने स्वयं के समाज के परिवर्तन में सहायक है। संपूर्ण विकास प्रक्रिया में उनकी भागीदारी से बेहतर परिणाम मिलते हैं।