भारत और मालदीव के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एकुवेरिन’ (Ekuverin) का 13वां संस्करण 2-15 फरवरी 2025 तक मालदीव में आयोजित किया जा रहा है। यह द्विवार्षिक अभ्यास बारी-बारी से भारत और मालदीव में होता है और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। उद्घाटन समारोह 2 फरवरी 2025 को मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) के आधिकारिक समग्र प्रशिक्षण केंद्र, माफीलााफुशी, मालदीव में आयोजित किया गया।
उद्घाटन समारोह
इस उद्घाटन समारोह में मेजर जनरल इब्राहिम हिल्मी (प्रमुख, मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स) और भारत के उच्चायुक्त जी. बालासुब्रमण्यम उपस्थित रहे। उनकी भागीदारी ने इस अभ्यास की द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को मजबूत करने और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
एकुवेरिन अभ्यास के बारे में
‘एकुवेरिन’ शब्द मालदीव की धिवेही भाषा में ‘मित्र’ (Friends) को दर्शाता है। यह अभ्यास 2009 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के बीच सैन्य साझेदारी को मजबूत करना है।
एकुवेरिन अभ्यास के प्रमुख उद्देश्य
- दोनों सेनाओं की सहयोग और समन्वय की क्षमता को बढ़ाना।
- आतंकवाद विरोधी अभियानों को प्रभावी ढंग से संचालित करना।
- संयुक्त मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों को अंजाम देना।
अभ्यास की संरचना
- इसमें दोनों देशों की एक प्लाटून-स्तरीय टुकड़ी भाग लेती है।
- यह अभ्यास सामरिक युद्धाभ्यास, संयुक्त योजना निर्माण और विभिन्न परिचालन स्थितियों में रणनीतिक निष्पादन पर केंद्रित होता है।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
- 12वां संस्करण 11-24 जून 2023 के बीच चौबटिया, उत्तराखंड, भारत में आयोजित किया गया था।
- यह अभ्यास भारत और मालदीव के दीर्घकालिक रक्षा संबंधों को और मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग
भारत और मालदीव के बीच राजनीतिक और सैन्य संबंध बेहद करीबी हैं। 1998 से रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है।
रक्षा सहयोग के मुख्य बिंदु
- समग्र रक्षा कार्य योजना (Comprehensive Action Plan for Defence, 2016): इस समझौते ने भारत-मालदीव रक्षा संबंधों को और सुदृढ़ किया।
- सैन्य उपकरण उपहार – भारत ने MNDF को विभिन्न सैन्य उपकरण प्रदान किए, जिससे उनकी संचालन क्षमता बढ़ी।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम – भारतीय सशस्त्र बलों ने मालदीव की सेना के जवानों को प्रशिक्षण दिया, जिससे कौशल विकास और तकनीकी ज्ञान साझा करने में मदद मिली।
भारत-मालदीव के अन्य संयुक्त सैन्य अभ्यास
‘एकुवेरिन’ के अलावा, भारत और मालदीव विभिन्न अन्य संयुक्त सैन्य अभ्यास भी आयोजित करते हैं, जिससे उनके सैन्य बलों के बीच समन्वय और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा मिलता है।
भारत-मालदीव के प्रमुख सैन्य अभ्यास
| अभ्यास | भागीदार बल | नवीनतम संस्करण | प्रथम संस्करण |
|---|---|---|---|
| एकुवेरिन | भारतीय सेना और MNDF | 13वां संस्करण (फरवरी 2025, मालदीव) | 2009 |
| कथा (Katha) | भारतीय नौसेना और MNDF का नौसैनिक विंग | 6वां संस्करण (4 जून – 3 जुलाई 2023, मालदीव) | 2017 |
| शील्ड (Shield) | भारतीय नौसेना, MNDF, और श्रीलंकाई नौसेना | प्रथम संस्करण (2021, वर्चुअल अभ्यास) | 2021 |
| दोस्ती (Dosti) | भारतीय, मालदीव और श्रीलंका के तटरक्षक बल | 16वां संस्करण (22-25 फरवरी 2024, माले, मालदीव) | 1991 (श्रीलंका 2012 में शामिल हुआ) |
‘एकुवेरिन’ और अन्य सैन्य अभ्यासों का महत्व
इन अभ्यासों के माध्यम से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
- भारत और मालदीव के रक्षा संबंधों को मजबूत करना।
- सैन्य बलों की परिचालन तत्परता और समन्वय को बढ़ाना।
- हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना।
- दोनों देशों के सैन्य कर्मियों के बीच आपसी विश्वास और मित्रता को विकसित करना।


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