भारत ने अपने सड़क अवसंरचना को बदलने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए देश का पहला मल्टी-लेन फ्री फ्लो (Multi-Lane Free Flow – MLFF) टोलिंग सिस्टम लॉन्च किया है। यह अभिनव प्रणाली, जो टोल बाधाओं को समाप्त करती है और निर्बाध यात्रा की अनुमति देती है, सबसे पहले गुजरात में एनएच-48 पर चोर्यासी शुल्क प्लाजा पर लागू की जाएगी।
यह पहल इंडियन हाईवे मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (IHMCL)—जो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा प्रोत्साहित है—और आईसीआईसीआई बैंक के बीच हुए समझौते का परिणाम है। यह अनुबंध 30 अगस्त 2025 को नई दिल्ली स्थित NHAI मुख्यालय में, अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षरित हुआ।
मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग क्या है?
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यह एक उच्च-तकनीकी, बैरियर-रहित टोल प्रणाली है।
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इसमें FASTag और वाहन पंजीकरण संख्या (VRN) के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से टोल वसूली की जाती है।
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इसके लिए हाई-परफॉर्मेंस RFID रीडर्स और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे उपयोग किए जाते हैं।
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वाहनों को टोल प्लाज़ा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रमुख लाभ:
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टोल बूथ और स्टॉप-एंड-गो ट्रैफिक का अंत
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जाम और यात्रा समय में कमी
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ईंधन दक्षता में सुधार
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वाहन प्रदूषण में कमी
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टोल राजस्व में पारदर्शिता और सटीकता
कहां लागू होगा?
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गुजरात के चोर्यासी शुल्क प्लाज़ा (NH-48) – भारत का पहला पूर्णतः बैरियर-फ्री टोल प्लाज़ा।
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हरियाणा का घरौंडा शुल्क प्लाज़ा (NH-44) – प्रारंभिक कार्यान्वयन का हिस्सा।
भविष्य की योजना:
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वित्त वर्ष 2025–26 में लगभग 25 राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाज़ाओं पर MLFF प्रणाली लागू की जाएगी।
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अन्य स्थानों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।


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