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भारत, जापान ने स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को गहरा किया

भारत और जापान ने ऊर्जा क्षेत्र में अपनी बढ़ती साझेदारी को और मज़बूत किया है। इसके तहत 25 अगस्त 2025 को आयोजित भारत-जापान ऊर्जा संवाद (Ministerial-level India-Japan Energy Dialogue) में दोनों देशों ने भाग लिया, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न हुआ। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के विद्युत एवं आवास और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल तथा जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री श्री मुतो योजी ने की। यह संवाद दोनों देशों के बीच जापान-भारत स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (Clean Energy Partnership) के रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।

संस्थागत ढांचा और रणनीतिक संवाद

स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी की दिशा में कदम
भारत और जापान ने सहयोग को मज़बूती देने के लिए इसे संस्थागत रूप दिया है, जिसमें शामिल हैं:

  • भारत-जापान ऊर्जा संवाद

  • कई क्षेत्र-विशेष संयुक्त कार्य समूह (JWGs), जो भारत के विद्युत मंत्रालय (MoP), नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) और कोयला मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत हैं।

बैठक में इन मंत्रालयों ने संयुक्त परियोजनाओं, नीतिगत पहलों और तकनीकी आदान-प्रदान पर प्रगति की जानकारी दी, जो साझा ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में सहायक हैं।

2025 ऊर्जा संवाद के प्रमुख परिणाम

दोनों देशों के मंत्रियों ने:

  • ऊर्जा सुरक्षा और समावेशी आर्थिक विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, और सतत विकास में ऊर्जा की केंद्रीय भूमिका पर बल दिया।

  • निम्न क्षेत्रों में प्रगति का स्वागत किया:

    • ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकियाँ

    • स्वच्छ हाइड्रोजन और अमोनिया-आधारित ईंधन

    • सौर और पवन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का विस्तार

  • आगे सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई, खासकर इन उभरते क्षेत्रों में:

    • कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण (CCUS)

    • ग्रीन केमिकल्स और बायोफ्यूल्स

    • उन्नत ऊर्जा प्रौद्योगिकियाँ, जैसे ग्रिड आधुनिकीकरण और ऊर्जा भंडारण

यह व्यापक सहयोग दोनों देशों में कम-कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर संक्रमण को गति देगा, साथ ही महत्वपूर्ण तकनीकों में नवाचार और निवेश को भी बढ़ावा देगा।

इस साझेदारी का महत्व

भारत-जापान ऊर्जा सहयोग दोनों देशों की पेरिस समझौते के तहत जलवायु प्रतिबद्धताओं से मेल खाता है—जापान ने 2050 तक और भारत ने 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। जापान की ऊर्जा नवाचार क्षमता और भारत के तेज़ी से बढ़ते स्वच्छ ऊर्जा बाज़ार के बीच यह साझेदारी दोनों के लिए लाभकारी है।

यह सहयोग व्यापक इंडो-पैसिफिक रणनीति को भी मज़बूत करता है, जो सतत विकास, ऊर्जा पहुंच और लचीलापन सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

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