केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज घोषणा की कि भारत ने एक अहम पड़ाव हासिल कर लिया है, जिसके मद्देनजर देश में 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्य किया गया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्यता प्रदान की है, जो आजादी के 75 वर्ष होने के क्रम में मील का पत्थर है।
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स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के बारे में:
- स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम, जिसे प्रमुख रूप से स्टार्ट-अप के लिये सकारात्मक माहौल उपलब्ध कराने के लिये शुरू किया गया था, वह आज स्टार्ट-अप्स के लिये लॉन्च-पैड के रूप में तैयार हो गया है।
- वित्तपोषण से लेकर आकर्षक कराधान तक, बौद्धिक सम्पदा अधिकार को समर्थन से लेकर सरल सावर्जनिक खरीद तक, सुगमता के लिये नियमों में सुधार करने से लेकर अंतर्राष्ट्रीय उत्सवों और कार्यक्रमों तक, स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम सतत आर्थिक विकास का पर्याय बन गया है।
- कुल मान्यता-प्राप्त स्टार्ट-अप्स में से लगभग 12 प्रतिशत आईटी सेवाओं की, नौ प्रतिशत स्वास्थ्य-सुविधा और जीव विज्ञान की, सात प्रतिशत शिक्षा की, पांच प्रतिशत व्यावसायिक और वाणिज्यिक सेवाओं की और पांच प्रतिशत कृषि की जरूरतों से सम्बंधित हैं।
- भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम ने 7.46 लाख रोजगार पैदा किये हैं, और इसमें गत 6 वर्षों में सालाना 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- वास्तव में, हमारे कुल स्टार्ट-अप्स में से 49 प्रतिशत टीयर-2 और टीयर-3 शहरों से हैं, जो हमारे देश के युवाओं की जबरदस्त क्षमता का परिचायक है।
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