यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना को अपना पहला सी-295 ट्रांसपोर्ट विमान मिल चुका है। अब 15 सितंबर को यह विमान भारत पहुंच रहा है। पहले सी 295 ट्रांसपोर्ट विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेना को स्पेन में दी गई है। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे हैं। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी। ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं।
विमान के बारे में
विशेषज्ञों के अनुसार यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है। एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
संबंधों को मजबूत करने के लिए
बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई। एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है जबकि शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। यह विमान स्पेन के सेविले प्लांट में बनाया गया है। इसे 25 सितंबर को हिंडन एयरबेस में वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
पहला विमान स्पेन में तैयार किया गया
स्पेन के सेविले में मौजूद एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा कि पहला विमान स्पेन में तैयार किया गया है, जबकि 17वें विमान को 2026 में भारत वडोदरा में तैयार किया जाएगा। स्पेन में भारत के राजदूत दिनेश पटनायक ने कहा कि सी-295 विमान को तय समय से 10 दिन पहले एयरबस की तरफ से वायुसेना को सौंप दिया गया। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है। सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में बीते छह दशक पहले सेवा में आए थे।
सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की तैनाती
सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता। जानकारी के मुताबिक पहले सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की तैनाती आगरा एयरबेस में होगी। यहां इस विमान के पायलटों के लिए एक विशेष ट्रेनिंग सेंटर भी तैयार किया जा रहा है। वायु सेना के मुताबिक यह ट्रेंनिंग सेंटर अगले वर्ष तक बनकर तैयार हो जाएगा। टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी।
भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान
भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बनकर तैयार होगा। फाइनल असेम्बलिंग करने के लिए एयरबस और टाटा के हैदराबाद व नागपुर प्लांट में 14,000 से ज्यादा स्वदेशी पार्ट्स तैयार कर वडोदरा भेजे जाएंगे।