वित्त वर्ष 2030-31 तक भारत की अर्थव्यवस्था करीब दोगुनी, 6.7 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी जो मौजूदा समय में 3.4 ट्रिलियन डॉलर की है। रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ग्लोबल ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जारी किए गए अपनी रिपोर्ट में ये बातें कही है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 से लेकर 2030-31 तक भारत की अर्थव्यवस्था सलाना 6.7 फीसदी के दर आर्थिक विकास करेगी। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी।
एस एंड पी ग्लोबल ने ने कहा कि वित्त वर्ष 2031-32 तक भारत की प्रति व्यक्ति आय 4500 डॉलर हो जाएगी जो मौजूदा समय में 2500 डॉलर के करीब है। रिपोर्ट में कहा गया कि वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी भविष्य में ग्रोथ को गति देने के लिए बेहद जरुरी है। वित्त वर्ष 2021-22 में कुल वर्कफोर्स में महिलाओं की भागादारी केवल 24 फीसदी है। एस एंड पी ग्लोबल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फाइनेंशियल सर्विसेज पर किए जाने वाला खर्च मौजूदा समय में 280 बिलियन डॉलर से बढ़कर 670 बिलियन डॉलर हो जाएगा।
एस एंड पी ग्लोबल के मुताबिक 2030 तक स्टार्टअप्स में वेंचर कैपिटल फंडिंग दोगुनी हो जाएगी। इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स, स्पेस टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ड्रोन्सस रोबोटिक्स और क्लीन टेक्नोलॉजी जैसे नए वर्टिकल्स को आने वाले दिनों में सबसे बड़ा लाभ मिलने वाला है। इन सेक्टर्स में आने वाली पूंजी इस दशक के अंत तक भारत के औसतन 6.7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ में 53 फीसदी का योगदान देगी।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत का कंज्यूमर मार्केट का साइज 2031 तक दोगुना हो जाएगा। 2022 में ये 2.3 ट्रिलिन डॉलर था जो 2031 तक बढ़कर 5.2 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है। खाद्य वस्तुओं पर उपभोक्ताओं द्वारा किया जाने वाले 615 बिलियन डॉलर से बढ़कर 1.4 ट्रिलिन डॉलर का हो जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को माल एवं सेवा कर जैसे सुधारों से लाभ मिलने की संभावना है। इसके अलावा, दिवाला व ऋणशोधन अक्षमता संहिता लागू होने से कर्ज को मामले में भी चीजें बेहतर होंगी।
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