भारत और चीन ने अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक-दूसरे को संदेश भेजे, जिनमें द्विपक्षीय संबंधों के महत्व को रेखांकित किया गया। अपने संदेश में राष्ट्रपति शी ने भारत और चीन के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए “ड्रैगन और हाथी के सहयोगात्मक नृत्य” की उपमा दी। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश आधुनिकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं और उन्हें एक रणनीतिक और दीर्घकालिक साझेदारी का निर्माण करना चाहिए। वर्षगांठ के समारोहों में पिछले पाँच महीनों के दौरान विश्वास और सहयोग को पुनः स्थापित करने की दिशा में हुई प्रगति पर भी चिंतन किया गया, विशेष रूप से सीमा सुरक्षा, रक्षा और लोगों से लोगों के संपर्क जैसे क्षेत्रों में।
75वीं वर्षगांठ समारोह की प्रमुख विशेषताएँ:
स्मरणीय कार्यक्रम
यह कार्यक्रम भारत में स्थित चीनी दूतावास द्वारा आयोजित किया गया।
मुख्य हस्तियाँ
इस अवसर को चिह्नित करते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक-दूसरे को बधाई संदेश भेजे।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दोनों देशों के संबंधों में आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और हितों के महत्व पर बल दिया।
भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने द्विपक्षीय संबंधों की रणनीतिक प्रकृति को उजागर किया।
द्विपक्षीय संबंध
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत और चीन को “प्राचीन सभ्यताएँ” और ग्लोबल साउथ के प्रमुख सदस्य बताया, जो वर्तमान में व्यापक आधुनिकता की दिशा में अग्रसर हैं।
विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत-चीन संबंधों को आपसी सम्मान और सहयोग की नींव पर फिर से स्थापित किया जाना चाहिए, जिसमें विशेष ध्यान लोगों के बीच संपर्क और परस्पर विश्वास की पुनः स्थापना पर हो।
प्रमुख पहलें
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पूर्वी लद्दाख में डिसएंगेजमेंट: तनाव कम करने के उद्देश्य से सेनाओं के पीछे हटने और गश्त फिर से शुरू करने जैसे कदम उठाए गए हैं।
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व्यावहारिक सहयोग: कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू किया गया है, नदियों पर सहयोग और सीधी हवाई सेवाओं पर चर्चा की जा रही है।
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लोगों के बीच संपर्क: वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारत में चीनी दूतावास द्वारा 70,000 वीज़ा जारी किए गए, जो दोनों देशों के नागरिकों के बीच बढ़ते संपर्क को दर्शाता है।