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भारत, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने ACITI पार्टनरशिप शुरू की

भारत, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा की सरकारों ने 22 नवम्बर 2025 को तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में त्रिपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ऑस्ट्रेलिया-कनाडा-इंडिया टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन (ACITI) पार्टनरशिप की शुरुआत की घोषणा की। यह साझेदारी महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग का एक नया अध्याय खोलती है, जिसका लक्ष्य तीनों देशों को एक सुरक्षित, सतत और नेट-ज़ीरो भविष्‍य की दिशा में आगे बढ़ाना है। ACITI पहल न केवल तकनीकी प्रगति को गति देगी, बल्कि वैश्विक नवाचार परिदृश्य में इन देशों की सामूहिक भूमिका को भी मजबूत करेगी।

ACITI साझेदारी का उद्देश्य और दृष्टि

ऑस्ट्रेलिया-कनाडा-भारत प्रौद्योगिकी और नवाचार (ACITI) साझेदारी केवल एक राजनयिक पहल नहीं है—यह एक तकनीक-आधारित गठबंधन है, जिसका लक्ष्य तीनों देशों की प्राकृतिक क्षमताओं, रणनीतिक प्राथमिकताओं और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को एक साथ जोड़ना है। इस साझेदारी के प्रमुख उद्देश्य हैं—

  • महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर सहयोग को बढ़ाना

  • हरित ऊर्जा नवाचार के विकास और उपयोग का समर्थन करना

  • महत्वपूर्ण खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्स) की आपूर्ति शृंखला को विविध और सुरक्षित बनाना

  • जनकल्याण में सुधार के लिए AI के व्यापक उपयोग को प्रोत्साहित करना

  • नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने की दिशा में संयुक्त क्षमता का निर्माण

यह त्रिपक्षीय पहल तीनों देशों के बीच पहले से चल रही द्विपक्षीय पहलों को मज़बूत करती है और व्यापक भू-राजनीतिक तथा आर्थिक तालमेल को दर्शाती है।

मुख्य फोकस क्षेत्र

1. हरित ऊर्जा नवाचार

यह साझेदारी जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा समाधानों पर विशेष जोर देती है। इसमें शामिल है—

  • सौर, पवन और हाइड्रोजन जैसी नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का संयुक्त विकास

  • डी-कार्बोनाइजेशन नवाचारों में निवेश

  • नेट-ज़ीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुसंधान का साझा उपयोग

2. महत्वपूर्ण खनिज और आपूर्ति शृंखला मज़बूती

ACITI लिथियम, कोबाल्ट और रेयर अर्थ तत्वों जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान, प्रसंस्करण और उनकी विश्वसनीय उपलब्धता सुनिश्चित करने में सहयोग को बढ़ावा देगा—ये बैटरियों, इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अनिवार्य हैं।

तीनों देश मिलकर—

  • आपूर्ति स्रोतों को विविध बनाएंगे

  • मजबूत और पारदर्शी आपूर्ति शृंखलाएँ विकसित करेंगे

  • भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों पर निर्भरता कम करेंगे

3. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और उभरती प्रौद्योगिकियाँ

भारत, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा संयुक्त रूप से ऐसी रूपरेखाएँ विकसित करेंगे, जिनसे AI समाधानों को जिम्मेदारी से व्यापक स्तर पर लागू किया जा सके। मुख्य फोकस—

  • नैतिक AI को बढ़ावा देना

  • डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाना

  • अगली पीढ़ी की तकनीकों पर संयुक्त अनुसंधान और विकास


समयरेखा और आगे की दिशा

तीनों देशों ने सहमति जताई है कि 2026 की पहली तिमाही में अधिकारी एक साथ मिलकर ACITI साझेदारी के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार करेंगे। यह बैठक निम्नलिखित बिंदुओं को निर्धारित करेगी—

  • सहयोग के औपचारिक तंत्र

  • विशिष्ट परियोजनाएँ और वित्तीय मॉडल

  • क्षेत्र-विशेष कार्य समूहों का गठन

इस समयरेखा का उद्देश्य ACITI को एक गतिशील और प्रगतिशील ढांचा बनाना है, जो ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में वास्तविक और सार्थक परिणाम प्रदान करे।

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