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भारत, यूएई का 2030 तक गैर-तेल व्यापार को 100 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 12 मई 2023 को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अपने गैर-तेल द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर पर ले जाने का इरादा जताया है। फिलहाल दोनों देशों के बीच पेट्रोलियम उत्पादों से अलग द्विपक्षीय व्यापार 48 अरब डॉलर है। भारत एवं यूएई के बीच पिछले साल एक मई को लागू हुए समग्र आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) की संयुक्त समिति की पहली बैठक में गैर-तेल व्यापार को बढ़ाने के लक्ष्य पर सहमति जताई गई।

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आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाना

 

भारत-यूएई सीईपीए की संयुक्त समिति ने व्यापार समझौते के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विभिन्न समितियों, उप-समितियों और तकनीकी परिषदों की स्थापना करने पर सहमति व्यक्त की। ये निकाय प्रमुख क्षेत्रों जैसे माल में व्यापार, सीमा शुल्क सुविधा, उत्पत्ति के नियम, स्वच्छता और पादप स्वच्छता उपायों, व्यापार उपचार, निवेश सुविधा और आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

 

सेवाओं में व्यापार बढ़ाना

 

सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र से संबंधित मामलों को संभालने के लिए एक नई उप-समिति का गठन किया जाएगा। दोनों देशों ने तिमाही आधार पर सेवा व्यापार डेटा का आदान-प्रदान करने का भी फैसला किया है। इस पहल का उद्देश्य एमएसएमई, स्टार्टअप, महिला उद्यमियों और सेवा क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना और अवसरों का विस्तार करना है।

 

भारत-यूएई सीईपीए परिषद

 

भारत-यूएई सीईपीए परिषद की स्थापना सीईपीए के कार्यान्वयन की सुविधा के लिए सरकारों और निर्यात उन्मुख निजी क्षेत्रों दोनों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी। सीईपीए संबंधी संयुक्त समिति की बैठक में व्यापार समझौते के विभिन्न पहलुओं पर नजर रखने के लिए कई समितियों एवं उप-समितियों के गठन पर भी सहमति बनी। वस्तु निर्यात, सीमा-शुल्क सुविधा, मूल-स्थान के नियम और तकनीकी बाधाओं से संबंधित मुद्दों पर ये समितियां बनाई जाएंगी।

 

व्यापार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित

 

यूएई, भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में से एक है। दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार में यूएई से भारत आने वाले कच्चे तेल की बड़ी हिस्सेदारी है। पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों देशों के कारोबार क्षेत्रों को अपना व्यापार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और सीईपीए समझौते को अच्छी तरह क्रियान्वित करने से इसमें मदद मिलेगी।

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FAQs

क्या है मुक्त व्यापार संधि (free trade agreement-FTA)?

एफटीए के तहत दो देशों के बीच आयात-निर्यात के तहत उत्पादों पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा आदि को सरल बनाया जाता है। इसका एक बड़ा लाभ यह होता है कि जिन दो देशों के बीच में यह संधि की जाती है, उनकी उत्पादन लागत बाकी देशों के मुकाबले सस्ती हो जाती है।