भारत और इटली ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके इतालवी समकक्ष गुइदो क्रोसेतो के बीच रोम में हुई व्यापक वार्ता के बाद सैन्य साजो-सामान के सह-विकास एवं सह-उत्पादन सहित अपने रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। राजनाथ सिंह दो देशों की अपनी यात्रा के प्रथम चरण में इटली में हैं। वहां से वह फ्रांस जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि राजनाथ सिंह और क्रोसेतो के बीच हुई वार्ता रक्षा-औद्योगिक सहयोग पर केंद्रित थी तथा यह समझौता सह-विकास, सह-उत्पादन एवं संयुक्त उद्यम स्थापित करने में मदद करेगा।
बयान के अनुसार, यह समझौता सुरक्षा और रक्षा नीति, अनुसंधान एवं विकास, सैन्य क्षेत्र में शिक्षा, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता, रक्षा जानकारी साझा करना और सह-विकास, सह-उत्पादन सहित औद्योगिक सहयोग और संयुक्त उद्यमों की स्थापना जैसे विभिन्न रक्षा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा। समझौते पर हस्ताक्षर को रक्षा सहयोग का विस्तार करने की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है। रक्षा मंत्रालय द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड और इसकी मूल कंपनी लियोनार्दो एसपीए पर प्रतिबंध हटाने के लगभग दो साल बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं।
समुद्री सुरक्षा सहित रक्षा सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा
लियोनार्दो एसपीए को पहले फिनमैकेनिका के नाम से जाना जाता था। 3,500 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर फिनमैकेनिका और अगस्ता वेस्टलैंड पर 2014 में प्रतिबंध लगा दिया गया था। मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने प्रशिक्षण, सूचना साझा करने, नौसैना अभ्यास और समुद्री सुरक्षा सहित रक्षा सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की। बयान में कहा गया है कि राजनाथ सिंह ने इतालवी रक्षा कंपनियों के साथ भारतीय स्टार्ट-अप की बातचीत को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।
सात महीने पहले भारत आई थीं इटली की प्रधानमंत्री
गौरतलब है कि मार्च 2023 में इतालवी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान भारत और इटली के बीच संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था। दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक और आधिकारिक स्तर पर यात्राओं का नियमित आदान-प्रदान होता रहा है।