भारत PM गति शक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जैसी पहलों के माध्यम से अपने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) में 38वें स्थान पर काबिज भारत का लक्ष्य 2030 तक शीर्ष 25 देशों में स्थान बनाना है। बढ़ते बुनियादी ढांचे, नीति-संचालित सुधारों और मल्टी-मोडल परिवहन की मदद से, यह क्षेत्र 2029 तक $484.43 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। सरकार का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को GDP के 13-14% से घटाकर सिंगल डिजिट में लाना है।
मुख्य बिंदु
- भारत की मौजूदा रैंक – 139 देशों में 38वां स्थान, 2030 तक शीर्ष 25 में पहुंचने का लक्ष्य।
- PM गति शक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति – लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने के मुख्य स्तंभ।
- बाजार विकास – भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र 8.8% वार्षिक वृद्धि के साथ 2029 तक $484.43 बिलियन तक पहुंचेगा।
- बुनियादी ढांचा निवेश – ₹11.17 लाख करोड़ की लागत से 434 परियोजनाएं PM गति शक्ति के तहत विकसित की जा रही हैं।
- ऊर्जा, खनिज, सीमेंट, बंदरगाह संपर्क, और उच्च-यातायात गलियारों पर विशेष ध्यान।
लागत में कमी का लक्ष्य – लॉजिस्टिक्स लागत को GDP के 13-14% से घटाकर सिंगल डिजिट तक लाने की योजना।
मल्टी-मोडल परिवर्तन –
- तेज रफ्तार सड़कों, हाइपरलूप और नए हवाई अड्डों का निर्माण, जिससे यात्रा समय 66% तक घटेगा।
अन्य अपेक्षाएं
- भारत की आर्थिक वृद्धि – 2026 तक जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना।
- निजी-सार्वजनिक भागीदारी – लॉजिस्टिक्स के बुनियादी ढांचे में अत्याधुनिक तकनीक और नवाचारों पर जोर।
- इवेंट घोषणा – LogiMAT India 2025 (13-15 फरवरी, मुंबई) में लॉजिस्टिक्स नवाचारों का प्रदर्शन किया जाएगा।
सरकार की ये पहल भारत को एक वैश्विक लॉजिस्टिक्स हब बनाने में मदद करेंगी और आर्थिक विकास को गति देंगी।
विषय | विवरण |
क्यों चर्चा में? | भारत का लक्ष्य 2030 तक वैश्विक लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन इंडेक्स (LPI) में शीर्ष 25 में शामिल होना |
LPI रैंक (वर्तमान और लक्ष्य) | 38वां (2024) → शीर्ष 25 (2030) |
प्रमुख सरकारी पहल | PM गति शक्ति, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति |
वृद्धि दर | 8.8% प्रति वर्ष |
अनुमानित बाजार आकार (2029 तक) | $484.43 बिलियन |
लॉजिस्टिक्स लागत में कमी का लक्ष्य | GDP के 13-14% से घटाकर सिंगल डिजिट (2030 तक) |
बुनियादी ढांचा निवेश | ₹11.17 लाख करोड़ (434 परियोजनाएं) |
सुधार के लिए प्रमुख क्षेत्र | ऊर्जा, खनिज, सीमेंट, बंदरगाह संपर्क, उच्च-यातायात गलियारे |
यातायात समय में कमी | 66% (हाई-स्पीड सड़कों, हाइपरलूप और नए हवाई अड्डों के माध्यम से) |
भारत की वैश्विक आर्थिक रैंकिंग (2026) | जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद |