आठ मुख्य उद्योगों (Index of Eight Core Industries – ICI) का सूचकांक भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों के प्रदर्शन को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है। ये उद्योग औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production – IIP) में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, जिससे इनके विकास को आर्थिक स्वास्थ्य का प्रमुख निर्धारक माना जाता है। जनवरी 2025 के लिए ICI रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें इन मुख्य क्षेत्रों की प्रवृत्तियों और उनके औद्योगिक एवं आर्थिक परिदृश्य पर प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
आठ मुख्य उद्योगों की समझ
भारत में ICI के अंतर्गत आने वाले आठ प्रमुख उद्योग हैं:
- कोयला
- कच्चा तेल (क्रूड ऑयल)
- प्राकृतिक गैस
- रिफाइनरी उत्पाद (जैसे पेट्रोलियम और डीजल)
- उर्वरक (फर्टिलाइजर)
- इस्पात (स्टील)
- सीमेंट
- विद्युत उत्पादन (इलेक्ट्रिसिटी)
ये उद्योग मिलकर IIP में 40.27% का योगदान देते हैं।
जनवरी 2025 में आठ मुख्य उद्योगों का प्रदर्शन
जनवरी 2025 में ICI ने वर्ष-दर-वर्ष (YoY) आधार पर 4.2% की वृद्धि दर्ज की, जो औद्योगिक उत्पादन में सकारात्मक संकेत देता है। दिसंबर 2024 में यह वृद्धि 3.5% थी, जिससे औद्योगिक उत्पादन में स्थिर सुधार दर्शाया गया। अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 की संचयी वृद्धि 6.1% रही, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में 5.3% थी।
उद्योगवार वृद्धि विश्लेषण
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कोयला उद्योग:
- जनवरी 2025 में 8.5% वृद्धि, जिसे घरेलू उत्पादन में वृद्धि और बिजली क्षेत्र से बढ़ती मांग ने प्रेरित किया।
- अप्रैल 2024–जनवरी 2025 में संचयी वृद्धि 9.2% रही।
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कच्चा तेल उत्पादन:
- जनवरी 2025 में -2.1% की गिरावट, जिसका कारण प्रमुख उत्खनन स्थलों पर कम उत्पादन और रखरखाव बंदी रही।
- संचयी प्रदर्शन -1.5% पर रहा, जो आपूर्ति बाधाओं और वैश्विक कीमतों के उतार-चढ़ाव को दर्शाता है।
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प्राकृतिक गैस उत्पादन:
- 3.8% वृद्धि, जिसे खोजी गतिविधियों में वृद्धि और घरेलू एवं औद्योगिक मांग ने बढ़ावा दिया।
- संचयी वृद्धि 4.2% रही।
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रिफाइनरी उत्पाद:
- जनवरी 2025 में 5.3% की वृद्धि, जिसे पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती मांग और रिफाइनिंग क्षमता में सुधार ने समर्थित किया।
- संचयी वृद्धि 6.5% रही।
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उर्वरक उत्पादन:
- जनवरी 2025 में 2.7% की वृद्धि, जिसे कृषि क्षेत्र से बढ़ी मांग ने प्रेरित किया।
- संचयी वृद्धि 3.9% रही, जिसे सरकारी सब्सिडी और नीति प्रोत्साहनों से समर्थन मिला।
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इस्पात उत्पादन:
- 6.8% की मजबूत वृद्धि, जिसे बुनियादी ढांचे और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बढ़ती मांग ने गति दी।
- संचयी वृद्धि 7.1% रही।
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सीमेंट उद्योग:
- जनवरी 2025 में 5.6% की वृद्धि, जिसे निर्माण और रियल एस्टेट क्षेत्र में विस्तार ने प्रेरित किया।
- संचयी वृद्धि 5.9% रही।
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विद्युत उत्पादन:
- जनवरी 2025 में 4.1% की वृद्धि, जिसे घरेलू और औद्योगिक मांग एवं नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण ने समर्थन दिया।
- संचयी वृद्धि 5.3% रही।
ICI जनवरी 2025 रिपोर्ट से मुख्य निष्कर्ष
- कुल वृद्धि: ICI में 4.2% की YoY वृद्धि हुई, जो औद्योगिक सुधार को दर्शाती है।
- सबसे मजबूत क्षेत्र: कोयला, इस्पात और रिफाइनरी उत्पादों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई।
- कच्चे तेल की गिरावट: कच्चे तेल के उत्पादन में कमी चिंता का विषय बनी हुई है।
- सरकारी समर्थन: नीतिगत सुधारों और बुनियादी ढांचे में निवेश से उर्वरक, सीमेंट और बिजली क्षेत्र को बढ़ावा मिला।
- स्थिर संचयी वृद्धि: 6.1% की संचयी वृद्धि औद्योगिक क्षेत्र में स्थिर गति को दर्शाती है।
ICI वृद्धि के आर्थिक प्रभाव
- मुख्य उद्योगों की वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है, जिससे औद्योगिक उत्पादन और GDP वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
- इस्पात और सीमेंट क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन यह दर्शाता है कि निर्माण और बुनियादी ढांचा विकास में वृद्धि हो रही है।
- कच्चे तेल उत्पादन में गिरावट से ऊर्जा सुरक्षा और आयात निर्भरता को लेकर चिंताएं बढ़ सकती हैं।
- बिजली उत्पादन में वृद्धि यह संकेत देती है कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का एकीकरण बढ़ रहा है।
पहलू | विवरण |
क्यों खबर में? | आठ मुख्य उद्योगों (ICI) की जनवरी 2025 की रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें वार्षिक (YoY) 4.2% की वृद्धि दर्ज हुई। |
ICI क्या है? | एक आर्थिक संकेतक जो आठ प्रमुख उद्योगों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 40.27% का योगदान देता है। |
आठ मुख्य उद्योग | 1. कोयला 2. कच्चा तेल 3. प्राकृतिक गैस 4. रिफाइनरी उत्पाद 5. उर्वरक 6. इस्पात 7. सीमेंट 8. विद्युत |
जनवरी 2025 में ICI वृद्धि | 4.2% वार्षिक वृद्धि, जो दिसंबर 2024 के 3.5% से बेहतर है। |
संचयी वृद्धि (अप्रैल 2024–जनवरी 2025) | 6.1% की वृद्धि, जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि के 5.3% से अधिक है। |
कोयला उद्योग | जनवरी 2025 में 8.5% वृद्धि, संचयी वृद्धि 9.2%, घरेलू उत्पादन और बिजली क्षेत्र की मांग से प्रेरित। |
कच्चे तेल का उत्पादन | जनवरी 2025 में -2.1% गिरावट, संचयी गिरावट -1.5%, उत्पादन में कटौती और रखरखाव बंदी के कारण। |
प्राकृतिक गैस उत्पादन | 3.8% वृद्धि, संचयी वृद्धि 4.2%, खोजी गतिविधियों और औद्योगिक मांग में वृद्धि से समर्थित। |
रिफाइनरी उत्पाद | 5.3% वृद्धि, संचयी वृद्धि 6.5%, पेट्रोलियम की उच्च मांग और रिफाइनिंग क्षमता में सुधार से प्रेरित। |
उर्वरक उत्पादन | 2.7% वृद्धि, संचयी वृद्धि 3.9%, कृषि क्षेत्र की मजबूत मांग और सरकारी सब्सिडी से प्रेरित। |
इस्पात उद्योग | 6.8% की मजबूत वृद्धि, संचयी वृद्धि 7.1%, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और ऑटोमोबाइल क्षेत्र की मांग से प्रेरित। |
सीमेंट उद्योग | 5.6% वृद्धि, संचयी वृद्धि 5.9%, निर्माण और रियल एस्टेट क्षेत्र में विस्तार से प्रेरित। |
विद्युत उत्पादन | 4.1% वृद्धि, संचयी वृद्धि 5.3%, औद्योगिक और घरेलू मांग में वृद्धि से प्रेरित। |
मुख्य निष्कर्ष | – कोयला, इस्पात और रिफाइनरी उत्पादों में सबसे अधिक वृद्धि। – कच्चे तेल का उत्पादन कमजोर कड़ी। – सरकारी समर्थन से उर्वरक, सीमेंट और बिजली को बढ़ावा। – 6.1% संचयी वृद्धि के साथ स्थिर औद्योगिक गति। |
आर्थिक प्रभाव | – औद्योगिक उत्पादन और GDP वृद्धि को बढ़ावा। – इस्पात और सीमेंट में वृद्धि मजबूत बुनियादी ढांचा विकास का संकेत। – कच्चे तेल उत्पादन में गिरावट से ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंता। – बिजली क्षेत्र की वृद्धि नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को दर्शाती है। |