वित्तीय वर्ष 2024–2025 में भारत के इंजीनियरिंग, वस्त्र (टेक्सटाइल) और परिधान (अपैरल) क्षेत्रों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इन सभी क्षेत्रों में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 6% से अधिक की वृद्धि हुई है। यह प्रगति ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक व्यापार के स्वरूप में बदलाव हो रहे हैं और अमेरिका-चीन के बीच बदलते भू-राजनीतिक संबंधों ने भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसरों के साथ-साथ कुछ चुनौतियाँ भी उत्पन्न की हैं। यह वृद्धि भारत के निर्यात क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।
मुख्य विशेषताएं
इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात
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FY25 में वर्ष-दर-वर्ष 6.74% की वृद्धि दर्ज की गई।
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निर्यात मूल्य FY24 के $109.3 अरब से बढ़कर FY25 में $116.67 अरब हो गया।
चिंताएं
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अमेरिका द्वारा लोहे, स्टील और ऑटो पार्ट्स पर अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने से भविष्य में वृद्धि पर असर पड़ सकता है।
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इससे अमेरिका को होने वाले निर्यात में सालाना $4–5 अरब की संभावित गिरावट हो सकती है।
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अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के कारण चीन के वैकल्पिक बाजारों की ओर झुकाव से प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हुई है।
वस्त्र और परिधान निर्यात
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FY25 में FY24 की तुलना में 6.32% की वृद्धि।
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परिधान निर्यात प्रमुख प्रेरक रहा, जिसमें 10.03% की वृद्धि देखी गई।
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अमेरिका द्वारा चीन से आयात में विविधता लाने की रणनीति भारत के लिए एक अवसर के रूप में देखी जा रही है।
बाजार प्रभाव और चुनौतियाँ
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मार्च 2024 में इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 4% घटकर $10.82 अरब रह गया, जो मार्च 2023 में $11.27 अरब था।
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वैश्विक व्यापार युद्ध के प्रभाव स्पष्ट हैं – व्यापार बाधाएं बढ़ रही हैं और आपूर्ति श्रृंखलाएं बदल रही हैं।
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निर्यातकों ने वैश्विक प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिए नीति समर्थन और विविधीकरण की मांग की है।
अवसर
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अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के चलते भारत एक विश्वसनीय वैकल्पिक आपूर्तिकर्ता के रूप में उभर सकता है।
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प्रभावी व्यापार कूटनीति और प्रोत्साहनों के जरिए भारत वैश्विक बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ा सकता है।
बिंदु | विवरण |
क्यों चर्चा में? | FY25 में इंजीनियरिंग, वस्त्र और परिधान निर्यात में 6% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। |
इंजीनियरिंग वस्तुएं | – 6.74% वार्षिक वृद्धि: $109.3B (FY24) → $116.67B (FY25) – अमेरिका द्वारा लोहे, स्टील और ऑटो पार्ट्स पर टैरिफ से खतरा – अमेरिका को निर्यात में संभावित $4–5B की हानि – चीन से प्रतिस्पर्धा बढ़ी क्योंकि वह अपने निर्यात को अन्य बाजारों में मोड़ रहा है |
वस्त्र और परिधान | – 6.32% वार्षिक वृद्धि – परिधान निर्यात में 10.03% की वृद्धि, समग्र वृद्धि का प्रमुख कारक – अमेरिका द्वारा चीन पर निर्भरता कम करने से भारत को लाभ – वैश्विक तनाव के बावजूद उद्योग को दीर्घकालिक अवसर दिख रहे हैं |