आईआईटी रोपड़ के टेक्नोलॉजी और इनोवेशन फाउंडेशन (iHub – AWaDH) ने अपने चौथे स्थापना दिवस पर एक महत्वपूर्ण किसान सहभागिता सत्र का आयोजन किया। यह आयोजन कृषि में तकनीकी बदलाव के सफर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। राष्ट्रीय साइबर-फिजिकल सिस्टम मिशन (NM-ICPS) के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के सहयोग से स्थापित, AWaDH कृषि, जल और IoT में गहन-तकनीकी शोध, स्टार्टअप्स और इनक्यूबेशन को बढ़ावा दे रहा है।
AWaDH का दृष्टिकोण और उपलब्धियां
- वित्तीय सहयोग: DST से ₹110 करोड़ और स्टार्टअप इंडिया से ₹5 करोड़ का समर्थन।
- तकनीकी विकास: 70 से अधिक तकनीकों का विकास और 100+ एग्री-टेक एवं वाटर-टेक स्टार्टअप्स का पोषण।
- कौशल विकास: 5000 से अधिक युवाओं को साइबर-फिजिकल सिस्टम और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रशिक्षण।
- प्रमुख नवाचार:
- Mooh Sense: एक एआई-संचालित पशु स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली।
- नैनो बबल तकनीक: जल शोधन के लिए जैविक पदार्थों को विघटित करने और रोगजनकों को समाप्त करने की तकनीक।
- मिट्टी स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली: मिट्टी की गुणवत्ता का मूल्यांकन कर फसल प्रबंधन में सहायता।
किसानों को सशक्त बनाना और समुदाय से जुड़ाव
किसान सहभागिता सत्र में 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य शैक्षणिक विशेषज्ञता और जमीनी कृषि ज्ञान के बीच सेतु का निर्माण करना है।
- खुला मंच: किसानों ने अपनी चुनौतियों पर चर्चा की, फीडबैक साझा किया, और AWaDH की तकनीकी समाधानों का अनुभव किया।
- समुदाय और तकनीकी का जुड़ाव: यह पहल पारंपरिक कृषि पद्धतियों और उभरती तकनीकी प्रगति के बीच सामंजस्य स्थापित करती है, जिससे हाशिए पर पड़े किसान समूहों को सशक्त किया जा सके।
तकनीकी नवाचारों का प्रभाव
- Mooh Sense: किसानों को उनके मोबाइल फोन पर गायों के स्वास्थ्य की रीयल-टाइम जानकारी प्रदान करता है।
- नैनो बबल तकनीक: पंजाब के विभिन्न तालाबों और जलाशयों में लागू, जल को शुद्ध करने में उपयोगी।
- मिट्टी स्वास्थ्य प्रणाली: फसलों के प्रभावी प्रबंधन में मदद करता है।
आगे की राह
AWaDH पूरे भारत में CPS लैब्स स्थापित कर अधिक एग्री-टेक और वाटर-टेक समाधान विकसित करने के लिए प्रयासरत है। यह पहल पंजाब और अन्य क्षेत्रों में कृषि को क्रांतिकारी रूप से बदलने और किसानों के लिए तकनीक को अधिक सुलभ और प्रभावशाली बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
समाचार का सारांश
मुख्य बिंदु | विवरण |
---|---|
खबरों में क्यों? | आईआईटी रोपड़ के iHub AWaDH ने चौथे स्थापना दिवस पर किसान सहभागिता सत्र का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य नवाचारों को कृषि चुनौतियों से जोड़ना है। |
AWaDH का पूर्ण रूप | कृषि और जल प्रौद्योगिकी विकास केंद्र (Agriculture and Water Technology Development Hub) |
स्थापना | विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा, NM-ICPS के तहत। |
वित्तीय सहयोग | ₹110 करोड़ (DST) + ₹5 करोड़ (स्टार्टअप इंडिया)। |
विकसित प्रमुख तकनीकें | 70+ तकनीकें जैसे Mooh Sense, नैनो बबल तकनीक, और मिट्टी स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली। |
स्टार्टअप और कौशल विकास | 100+ स्टार्टअप का पोषण; 5000 युवाओं को साइबर-फिजिकल सिस्टम में प्रशिक्षित किया। |
Mooh Sense तकनीक | एआई-संचालित पशुधन निगरानी प्रणाली; NABARD के सहयोग से पंजाब में लागू। |
नैनो बबल तकनीक | जल को जैविक पदार्थों को विघटित कर और रोगजनकों को खत्म कर शुद्ध करती है; पंजाब के जलाशयों में उपयोग। |
मिट्टी स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली | सेंसर और लैब विश्लेषण का उपयोग कर मिट्टी की गुणवत्ता का मूल्यांकन। |
आयोजन साझेदार | बागवानी विभाग, पंजाब सरकार। |
पंजाब – स्थिर जानकारी | राजधानी: चंडीगढ़; मुख्यमंत्री: भगवंत मान; राज्यपाल: बनवारीलाल पुरोहित। |
आयोजन का फोकस | किसानों और नवाचारकों के बीच खुला संवाद, कृषि चुनौतियों के समाधान हेतु। |