शिक्षा मंत्रालय द्वारा 4 सितंबर 2025 को जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (NIRF) ने एक बार फिर से आईआईटी-मद्रास को भारत का अग्रणी शैक्षणिक संस्थान घोषित किया। लगातार सातवें वर्ष आईआईटी-मद्रास ने ओवरऑल कैटेगरी में पहला स्थान हासिल किया, जबकि भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु और आईआईटी-मुंबई क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इस रैंकिंग के 10वें संस्करण में इंजीनियरिंग, प्रबंधन, विधि, चिकित्सा, कृषि, अनुसंधान और सतत विकास सहित 17 श्रेणियों में उत्कृष्टता को रेखांकित किया गया।
NIRF 2025 की मुख्य झलकियाँ
शीर्ष ओवरऑल संस्थान
1 स्थान – आईआईटी मद्रास
2 स्थान – आईआईएससी बेंगलुरु
3 स्थान – आईआईटी मुंबई
श्रेणीवार शीर्ष संस्थान
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इंजीनियरिंग – आईआईटी मद्रास (1), आईआईटी दिल्ली (2)
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इनोवेशन – आईआईटी मद्रास (1)
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अनुसंधान संस्थान – आईआईएससी बेंगलुरु
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चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा – एम्स, दिल्ली
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कानून – नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया, बेंगलुरु
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कृषि – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, दिल्ली
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प्रबंधन – आईआईएम अहमदाबाद (1), आईआईएम बेंगलुरु (2), आईआईएम कोझिकोड (3)
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फार्मेसी – जामिया हमदर्द, नई दिल्ली (1), बिट्स पिलानी (2), पंजाब विश्वविद्यालय (3)
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आर्किटेक्चर एवं प्लानिंग – आईआईटी रुड़की (1), एनआईटी कोझिकोड (2), आईआईटी खड़गपुर (3)
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कॉलेज – हिन्दू कॉलेज (1), मिरांडा हाउस (2), हंसराज कॉलेज (3)
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राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालय – जादवपुर विश्वविद्यालय (1), अन्ना विश्वविद्यालय (2)
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ओपन विश्वविद्यालय – इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU), दिल्ली
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स्किल विश्वविद्यालय – सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
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सतत विकास लक्ष्य (नई श्रेणी) – आईआईटी मद्रास
शिक्षा मंत्री के मुख्य वक्तव्य
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शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि NIRF रैंकिंग “विकसित भारत 2047” की दिशा में एक कदम है।
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उन्होंने “वन नेशन, वन डाटा” नीति लाने की घोषणा की, ताकि रैंकिंग में और पारदर्शिता लाई जा सके।
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उद्यमिता (Entrepreneurship) को एक नया रैंकिंग पैरामीटर बनाने का सुझाव दिया, ताकि सिर्फ perception पर निर्भरता कम हो।
रैंकिंग पैरामीटर
संस्थानों का मूल्यांकन पाँच प्रमुख मानकों पर किया गया:
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शिक्षण, अधिगम और संसाधन (TLR)
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अनुसंधान और प्रोफेशनल प्रैक्टिस (RP)
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स्नातक परिणाम (GO)
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पहुँच और समावेशिता (OI)
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धारणा (Perception – PR)
NIRF के बारे में
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2015 में लॉन्च, उस समय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) द्वारा।
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भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए पारदर्शी और व्यापक मूल्यांकन ढाँचा उपलब्ध कराता है।
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2025 संस्करण 10वाँ है, जिसमें पहले से कहीं अधिक संस्थानों ने भाग लिया।


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