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आईआईएम अहमदाबाद ने दुबई में अपना पहला वैश्विक परिसर शुरू किया

भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (IIMA) ने 11 सितंबर 2025 को अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय कैंपस दुबई में उद्घाटित किया। यह समारोह दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम और भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह भारत–यूएई शिक्षा साझेदारी में एक बड़ा मील का पत्थर है, जो नवाचार, नेतृत्व और वैश्विक प्रतिभा गतिशीलता को प्रोत्साहित करने की साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

उच्च-स्तरीय उद्घाटन समारोह
दुबई इंटरनेशनल एकेडमिक सिटी में आयोजित इस कार्यक्रम में दोनों देशों के वरिष्ठ नेता और अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें शामिल थे—

  • मोहम्मद बिन अब्दुल्ला अल गेरगावी – यूएई के कैबिनेट मामलों के मंत्री

  • रीम बिंत इब्राहीम अल हाशिमी – अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मामलों की राज्य मंत्री

  • सारा बिंत यूसुफ अल अमीरी – यूएई की शिक्षा मंत्री

  • सुंजय सुधीर – भारत के राजदूत, यूएई

  • सतीश कुमार सिवन – भारत के महावाणिज्य दूत, दुबई

  • IIMA के वरिष्ठ पदाधिकारी

शेख हमदान ने इस पहल को “भारत–यूएई सहयोग की गहराई का प्रतीक” बताते हुए कहा कि यह दुबई को एक वैश्विक शिक्षा और नवाचार केंद्र बनाने की दृष्टि को और मज़बूत करेगा।

“भारतीय आत्मा, वैश्विक दृष्टिकोण”
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे भारत की शिक्षा के वैश्वीकरण की दिशा में “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया। उन्होंने कहा कि IIMA दुबई, संस्थान की उस मूल भावना को दर्शाता है जो “भारतीय आत्मा में, पर वैश्विक दृष्टिकोण में” विश्वास करती है।

कैंपस की रूपरेखा और शैक्षणिक दृष्टि

  • पहला चरण: दुबई इंटरनेशनल एकेडमिक सिटी से शैक्षणिक गतिविधियों की शुरुआत।

  • दूसरा चरण (2029 तक): यूएई सरकार द्वारा आवंटित भूमि पर स्थायी कैंपस की स्थापना।

पहला कार्यक्रम: एक वर्ष का पूर्णकालिक एमबीए, खासकर कामकाजी पेशेवरों और उद्यमियों के लिए।
पहला बैच: 35 छात्र, जो बैंकिंग, कंसल्टिंग, आईटी, हेल्थकेयर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों से हैं।
पाठ्यक्रम संरचना: पाँच टर्म में विभाजित, जिसमें उन्नत नेतृत्व, रणनीतिक सोच और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर विशेष ध्यान।

भारत और यूएई के लिए रणनीतिक महत्व

  • भारत की शैक्षणिक सॉफ्ट पावर और वैश्विक ब्रांड को बढ़ावा।

  • भारत–यूएई कूटनीतिक और शैक्षणिक संबंध और मज़बूत होंगे।

  • दुबई को अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और संकाय को आकर्षित करने में मदद।

  • पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप तक भारतीय प्रबंधन शिक्षा की पहुँच।

  • नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत भारतीय संस्थानों के वैश्विक विस्तार को प्रोत्साहन।

महत्वपूर्ण तथ्य (Key Takeaways)

  • कार्यक्रम: IIMA का पहला अंतर्राष्ट्रीय कैंपस उद्घाटन

  • स्थान: दुबई इंटरनेशनल एकेडमिक सिटी

  • उद्घाटन: शेख हमदान (दुबई) और धर्मेंद्र प्रधान (भारत)

  • शुरुआती कार्यक्रम: एक वर्ष का पूर्णकालिक एमबीए (पेशेवरों के लिए)

  • भविष्य योजना: 2029 तक स्थायी कैंपस

  • महत्व: किसी भी IIM का पहला वैश्विक कैंपस, भारत की शिक्षा कूटनीति का हिस्सा

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