अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (International Financial Services Centres Authority) द्वारा नई दिल्ली में एक बैठक आयोजित की गई। IFSC प्राधिकरण ने बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र प्राधिकरण (बैंकिंग) विनियम, 2020 को मंजूरी दी। बैठक में बैंकिंग विनियमों के मसौदे को अपनी मंजूरी दी, जिससे बैंकिंग परिचालन के विभिन्न पहलुओं के लिए उचित नियम लागू करने का मार्ग प्रशस्त होता है, जो IFSC में स्वीकार्य होंगे। चूंकि बैंकिंग IFSC के प्रमुख केन्द्रित क्षेत्रों में से एक है, बैंकिंग नियम इसे अपनी वांछित क्षमता तक पहुंचने में मदद करेंगे।
बैंकिंग विनियमों की मुख्य विशेषताएँ:–
- IFSC बैंकिंग इकाइयां स्थापित करने की जरूरतों को क्रम से स्थापित करना।
- भारत से बाहर रहने वाले व्यक्तियों (जिनके पास एक मिलियन अमरीकी डॉलर से कम नेटवर्क न हो) को आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों में किसी भी स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में विदेशी मुद्रा खाते खोलने की अनुमति देना।
- भारत में रहने वाले व्यक्तियों (जिनके पास एक मिलियन अमरीकी डॉलर से कम नेटवर्क न हो) को भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत जमा योजना (Liberalized Remittance Scheme) के तहत कोई अनुमति प्राप्त करंट अकाउंट या पूंजीगत लेखा लेन-देन या इनके किसी भी संयोजन के लिए स्वतंत्ररूप से परिवर्तनीय मुद्रा में विदेशी मुद्रा खाते खोलने की अनुमति देना।
- ऋण वृद्धि, क्रेडिट बीमा और बिक्री, पोर्टफोलियो की खरीदारी, निर्यात प्राप्तियों की फैक्ट्रिंग, फोरफेटिंग कार्य तथा विमान लिजिंग सहित उपकरणों की लिजिंग करने समेत आईबीयू की गतिविधियों की अनुमति देना।
- व्यवसाय का यह निर्धारण करने के लिए प्राधिकरण को अनुमति देना कि क्या किसी बैंकिंग यूनिट को भारत में रहने वाले किसी व्यक्ति और भारत से बाहर रहने वाले किसी व्यक्ति के साथ आईएनआर आयोजित करने की अनुमति दी जाए। लेकिन इसके साथ यह शर्त है कि ऐसे व्यापार के संबंध में वित्तीय लेन-देन का निपटान स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में हो।
- IFSCA के अध्यक्ष: इनजेटी श्रीनिवास.
- IFSCA का मुख्यालय: गांधीनगर, गुजरात