Categories: Awards

ईरानी फिल्म ‘नारगेसी’ ने इफ्फी 53 में आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक जीता

ईरानी फिल्म नारगेसी ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण में आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक जीता है, जो एक ऐसी फिल्म के लिए दिया गया है जो महात्मा गांधी के शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शों को दर्शाती है। फिल्म का निर्देशन पायम असकंदरी ने किया है। यह फिल्म डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक व्यक्ति और उसके जीवन में इसके कारण पैदा होने वाली समस्याएं और परिणामों के बारे में है। इस पुरस्कार विजेता फिल्म में करुणा और कोमलता दो गुण दर्शाए गए हैं।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

इस वर्ष, आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक की प्रतिस्पर्धा में दुनिया भर से नौ फिल्मों का चयन किया गया था। इस श्रेणी की प्रतिस्पर्धा में शामिल फिल्में निम्नलिखित हैं:

ए टेल ऑफ़ टू सिस्टर्स (बांग्लादेश | 2022)
फॉर्च्यून (ताजिकिस्तान | 2022)
मदर (बुल्गारिया | 2022)
नानू कुसुमा (भारत | 2022)
नरगेसी (ईरान | 2021)
पालोमा (ब्राजील, पुर्तगाल | 2022)
सऊदी वेल्लक्का (भारत | 2022)
द कश्मीर फाइल्स (भारत | 2021)
व्हाइट डॉग (कनाडा | 2022)

 

इफ्फी में हर साल, आईसीएफटी पेरिस और यूनेस्को संयुक्त रूप से एक फिल्म को गांधी पदक प्रदान करते हैं। आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाली फिल्मों को पहले इफ्फी में दिखाया जाता है और फिर आईसीएफटी जूरी यूनेस्को के आदर्शों के आधार पर फिल्मों का मूल्यांकन करती है।

 

यूनेस्को ने 1994 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर स्मारक पदक जारी किया था। तब से आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पुरस्कार उस फिल्म को दिया जाने लगा जो महात्मा गांधी के शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शों को सबसे अच्छी तरह से दर्शाती है।

 

फिल्म के बारे में: नारगेसी

 

ईरान । 2021 । फारसी । 84 मिनट । रंगीन

 

कलाकार और टीम

 

निर्देशक और पटकथा लेखक: पयाम असकंदरी

 

निर्माता: शहाब हुसैनी

 

डीओपी: मोहम्मद नमदार

 

कलाकार: हुसैन असकंदरी, शहाब हुसैनी, गजल नजर

 

साऱांश

 

फिल्म में डाउन सिंड्रोम के साथ एक इंसान के संघर्ष को दिखाया गया है, जिसकी सबसे बड़ी तमन्ना सच्चा प्यार पाने और शादी करने की होती है। इसके लिए वह कुछ भी करने का प्रयास करता है। हालांकि ऐसा लगता है कि आज की दुनिया में उसके और उसके प्यार के लिए कोई जगह नहीं है। इसी दौरान एक उपहार उसकी जिंदगी को बदलकर रख देता है।

Find More Awards News Here

 

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी 2026 तक गुरुग्राम में अपना पहला भारतीय कैंपस खोलेगी

भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…

5 mins ago

MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरलेस पासपोर्ट वेरिफिकेशन शुरू किया

भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…

1 hour ago

जानें कैसे 29 साल की लड़की बनी दुनिया की सबसे युवा सेल्फ-मेड महिला अरबपति

सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…

4 hours ago

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

5 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

5 hours ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

7 hours ago