निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA), जो कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन कार्यरत है, ने अपने प्रमुख कार्यक्रम “निवेशक दीदी” के दूसरे चरण (Phase II) की शुरुआत की है। यह पहल 1 सितंबर 2025 को पटेलगुड़ा पंचायत, हैदराबाद से शुरू की गई। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में महिला-नेतृत्व वाली वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना है, जिसमें प्रशिक्षित महिलाएँ अन्य महिलाओं को वित्तीय ज्ञान प्रदान करेंगी।
निवेशक दीदी क्या है?
निवेशक दीदी एक अनूठी “महिलाओं के लिए, महिलाओं द्वारा” पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और वंचित वर्ग की महिलाओं को आवश्यक वित्तीय जानकारी से सशक्त बनाना है। यह पहल महिलाओं को सक्षम बनाती है कि वे –
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सूझबूझ से वित्तीय निर्णय ले सकें
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धोखाधड़ी और ठगी से अपने धन की रक्षा कर सकें
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डिजिटल बैंकिंग उपकरण अपनाएँ
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बचत और सुरक्षित निवेश को समझें
Phase II का लक्ष्य पहले चरण की सफलता पर आधारित है और अब इसे ग्राम पंचायत और गाँव स्तर तक पहुँचाया जाएगा।
रणनीतिक प्रभाव और भावी लक्ष्य
यह कार्यक्रम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो डिजिटल इंडिया और महिला-नेतृत्व वाले विकास की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का हिस्सा है। इसके माध्यम से –
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घर-परिवार की वित्तीय योजना मजबूत होगी
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सुरक्षित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग बढ़ेगा
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समुदाय-आधारित वित्तीय लचीलापन विकसित होगा
यह पहल महिलाओं को वित्तीय निर्णयों के केंद्र में रखकर भारत की समावेशी आर्थिक वृद्धि की प्रतिबद्धता को भी सुदृढ़ करती है।
IEPFA के बारे में
निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA) की स्थापना कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन की गई थी। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं –
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निवेशकों के बीच जागरूकता बढ़ाना
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नागरिकों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचाना
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वित्तीय साक्षर समाज का निर्माण करना
निवेशक दीदी के माध्यम से IEPFA न केवल ज्ञान प्रदान करता है बल्कि ग्रामीण समाज में बचत, विश्वास और जिम्मेदार निवेश की संस्कृति को भी बढ़ावा देता है।


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