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IDFC को IDFC First Bank के साथ विलय के लिए CCI की मंजूरी

IDFC को IDFC First Bank के साथ विलय के लिए CCI की मंजूरी |_3.1

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी (IDFC) को आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank Merger) के साथ मर्जर के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से मंजूरी मिल गई है। जारी रेगुलेटरी फाईलिंग में कहा गया कि सीसीआई ने 17 अक्टूबर, 2023 को अपने पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि उसने ग्रीन चैनल रूट के तहत संयोजन पर विचार किया है और उसे मंजूरी दे दी है।

बता दें कि विकास वित्त संस्थान और निजी ऋणदाता के बीच मर्जर को 3 जुलाई को आईडीएफसी और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) के निदेशक मंडल से मंजूरी मिल गई थी।

 

अभी प्रभावी नहीं होगा मर्जर

हालांकि, यह प्रस्तावित मर्जर अभी प्रभावी नहीं होगा। इसके लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) जैसे वैधानिक और नियामक निकायों से मंजूरी लेनी पड़ती है।

इसके अलावा मर्जर को प्रभावी बनाने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों के साथ-साथ आईडीएफसी और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के संबंधित शेयरहोल्डर्स समेत लेनदारों (Creditors) की मंजूरी भी चाहिए होगी।

 

आईडीएफसी के पास आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में 30.93 % हिस्सेदारी

आईडीएफसी (IDFC) के पास अपनी गैर-वित्तीय होल्डिंग कंपनी के जरिये आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में 30 जून, 2023 तक 30.93 प्रतिशत हिस्सेदारी है। दोनों कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष में मर्जर को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। वहीं, सौदे के अनुपात 155:100 पर सहमति व्यक्त की है। इसका मतब है कि प्रस्तावित मर्जर के तहत आईडीएफसी के शेयरधारकों को पूर्व में रखे गए प्रत्येक 100 शेयरों के लिए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के 155 शेयर मिलेंगे।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने 3 जुलाई को एक नियामक फाइलिंग में कहा कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) के साथ आईडीएफसी लिमिटेड के मर्जर के लिए शेयर विनिमय अनुपात 10 रुपये के अंकित मूल्य के 155 इक्विटी शेयर है।

 

क्‍यों क‍िया जाता है मर्जर

एक कंपनी को दूसरी कंपनी के साथ मर्ज करने के ल‍िए तमाम न‍िकाय से मंजूरी जरूरी होती है। मर्जर के पीछे सबसे बड़ा मकसद व्‍यापार का व‍िस्‍तार करना होता है। बैंकों का व‍िलय होने से बैंक‍िंग सर्व‍िस का दायरा बढ़ जाता है। इससे बैंक‍िग गत‍िव‍िध‍ियां भी बढ़ती हैं और व‍ित्‍तीय स्‍थ‍ित‍ि में सुधार होता है। जब दो बैंकों का व‍िलय होता है तो ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्‍टमर आईडी म‍िलता है। इसके अलावा नई चेकबुक और पासबुक आद‍ि भी जारी होती हैं।

 

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