आईसीआईसीआई बैंक, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा निजी ऋणदाता है, ने अपने मेट्रो, शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण शाखाओं में न्यूनतम औसत शेष राशि (Minimum Average Balance – MAB) की आवश्यकताओं को काफी बढ़ा दिया है। यह बदलाव अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। इसके साथ ही, बैंक ने कड़े दंड प्रावधान और संशोधित लेनदेन नियम भी लागू किए हैं, जो लाखों खाताधारकों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
इस कदम से आईसीआईसीआई बैंक ऐसा करने वाला पहला निजी बैंक बन गया है, जिसने इतनी बड़ी वृद्धि लागू की है। इससे आम ग्राहकों पर बैंकिंग लागत का बोझ बढ़ने को लेकर चिंताएं और बहस छिड़ गई हैं।


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