केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा डिजिटल शिक्षा पर ‘प्रज्ञाता’(Pragyata) दिशा-निर्देश जारी किए गए है। दिशानिर्देशों के अनुसार, प्राइमरी से पहले के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं 30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही इसमें आगे उल्लेख किया गया है कि कक्षा 1 से 8 तक के दो ऑनलाइन सत्र और कक्षा 9 से 12 के लिए चार सत्र आयोजित किए जाने चाहिए।
PRAGYATA दिशानिर्देशों में ऑनलाइन / डिजिटल शिक्षा के आठ चरण- योजना- समीक्षा- व्यवस्था- मार्गदर्शन- याक (बात) – असाइन- ट्रैक- सराहना शामिल हैं।
दिशा-निर्देश स्कूल प्रशासकों,स्कूल प्रमुखों,शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों को निम्नलिखित क्षेत्रों में सुझाव भी प्रदान करते हैं:
- मूल्यांकन की जरूरत
- ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा की योजना बनाते समय कक्षा के हिसाब से सत्र की अवधि,स्क्रीन समय,समावेशिता, संतुलित ऑनलाइन और ऑफ़लाइन गतिविधियों आदि से सरोकार
- हस्तक्षेप के तौर-तरीके जिनमें संसाधन अवधि, कक्षा के हिसाब से उसका वितरण आदि शामिल हैं।
- डिजिटल शिक्षा के दौरान शारीरिक,मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती
- साइबर सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सावधानियों और उपायों सहित साइबर सुरक्षा और नैतिक प्रथा
- विभिन्न पहलों के साथ सहयोग और सम्मिलन
दिशा-निर्देश विद्यार्थियों के दृष्टिकोण से विकसित किए गए हैं,जो लॉकडाउन के कारण अभी घरों पर मौजूद छात्रों के लिए ऑनलाइन / मिश्रित / डिजिटल शिक्षा पर केंद्रित हैं। डिजिटल / ऑनलाइन शिक्षा पर जारी ये दिशा-निर्देश शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने की विस्तृत कार्य योजना या संकेत प्रदान करते हैं।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री: रमेश पोखरियाल ‘निशंक’.