उत्तराखंड के टिहरी जिले में एक हिमालयन क्लाउड वेधशाला स्थापित की गई है, जिसका उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र में बादल फटने की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाना और उनकी निगरानी करना और क्षति को कम करने में मदद करना है.
वेधशाला एसआरटी परिसर, टिहरी में स्थापित की गयी है और परीक्षण अवधि में है. यह भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर द्वारा क्लाउड गतिविधियों की निगरानी करने वाली देश की दूसरी वेधशाला है जो उच्च-ऊंचाई पर कार्य कर सकती है.
स्रोत: बिजनेस स्टैंडर्ड