भारत की शिक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करते हुए हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है। राज्य ने 99.3% साक्षरता दर हासिल कर ली है। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में आयोजित उल्लास मेला 2025 (अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर) में की।
7% से 99.3% तक: एक ऐतिहासिक सफ़र
सीएम सुक्खू ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद हिमाचल की साक्षरता दर मात्र 7% थी। अब राज्य ने राष्ट्रीय मानक 95% साक्षरता दर को पार कर लिया है और देश के सबसे शिक्षित क्षेत्रों में शामिल हो गया है।
उन्होंने इस सफर को “चुनौतियों से भरा लेकिन लगातार गुणवत्ता युक्त शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाला” बताया, विशेषकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में।
छात्र-शिक्षक अनुपात में शीर्ष स्थान
साक्षरता के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश ने छात्र-शिक्षक अनुपात में भी देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि हासिल हुई है:
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योग्य शिक्षकों की रणनीतिक भर्ती
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सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढाँचे का विस्तार
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पाठ्यक्रम का आधुनिकीकरण और शिक्षक प्रशिक्षण
शिक्षा सुधार और भविष्य की दिशा
सीएम सुक्खू ने शिक्षा क्षेत्र में और सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। आने वाली योजनाओं में शामिल हैं:
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सरकारी संस्थानों को उत्कृष्टता केंद्र में बदलना
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कक्षाओं में तकनीक और नवाचार का समावेश
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ग्रामीण स्कूलों के लिए डिजिटल अवसंरचना को सुदृढ़ करना
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व्यावसायिक और जीवन कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने भी इस उपलब्धि को दशकों से चल रहे निवेश और साक्षरता अभियानों का परिणाम बताया, जिसने सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा को वास्तविकता बनाया।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
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घटना: हिमाचल प्रदेश पूर्ण साक्षर राज्य घोषित (अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस, 8 सितंबर 2025)
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साक्षरता दर: 99.3%
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राष्ट्रीय मानक: 95%
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छात्र-शिक्षक अनुपात: भारत में प्रथम स्थान


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