स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (HIV) और अक्वायर्ड इम्यून कमीशन सिंड्रोम (एड्स) (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2017 के कार्यान्वयन की घोषणा की है. कानून के अनुसार, HIV संक्रमित या प्रभावित हर व्यक्ति या 18 वर्ष की आयु से कम आयु के व्यक्ति को एक साझा घर में रहने का और इसकी सुविधाओं का आनंद लेंने का अधिकार है.
यह अधिनियम उपचार, रोजगार और कार्यस्थल के मामले में एड्स से पीड़ित लोगों के खिलाफ किसी तरह के भेदभाव को अपराध घोषित करता है.इस अधिनियम का उल्लंघन करने वाले लोगों को दो वर्ष तक की जेल या 1 लाख रुपये या दोनों का जुर्माना लगाया जा सकता है. यह किसी व्यक्ति को जानकारी प्रकाशित करने या उनके खिलाफ रहने वाले लोगों के प्रति घृणा की भावनाओं की वकालत करने से भी रोकता है.
स्रोत- इंडिया टुडे
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- जे पी नड्डा भारत के वर्तमान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हैं.