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केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ​​ने भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह 2025 का उद्घाटन किया

भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह 2025 की शुरुआत 10 जुलाई, 2025 को दिल्ली में एक विशेष सत्र के साथ हुई, जहाँ राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ​​ने हरित गतिशीलता और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की ओर भारत के बढ़ते कदम पर प्रकाश डाला। यशोभूमि में बोलते हुए, उन्होंने बताया कि कैसे सरकार की योजनाएँ और नीतियाँ भारत को एक स्वच्छ और अधिक टिकाऊ परिवहन भविष्य की ओर बढ़ने में मदद कर रही हैं।

भारत स्वच्छ और हरित गतिशीलता के लिए प्रतिबद्ध

वाहन विद्युतीकरण पर आयोजित सत्र की शुरुआत में केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि मोदी सरकार पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को समर्थन देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पीएम ई-ड्राइव और FAME-II जैसी योजनाएं भारत में एक मजबूत इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माण इकोसिस्टम के विकास में मदद कर रही हैं। इन पहलों का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना और सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाना है।

भारत की तेज़ प्रगति और ईवी-हितैषी नीतियां

मंत्री ने गर्व से कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और स्वच्छ गतिशीलता के अपने मिशन में सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने EV रेट्रोफिटिंग नियमों और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टोल टैक्स में छूट जैसी नीतियों का भी ज़िक्र किया, जो इलेक्ट्रिक परिवहन को आम लोगों और व्यवसायों के लिए किफायती और सुलभ बना रही हैं।

लॉजिस्टिक्स पार्क और नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य

श्री मल्होत्रा ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जो सड़क, रेल और भंडारण सुविधाओं को एक साथ जोड़ेंगे। अब इन पार्कों में हरित ऊर्जा सुविधाएं और EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी जोड़ा जाएगा। इससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी, प्रदूषण में गिरावट और भारत की छवि एक ग्रीन ट्रांसपोर्ट हब के रूप में मजबूत होगी।

भविष्य की योजनाएं: बैटरी तकनीक और नेट ज़ीरो लक्ष्य

मंत्री ने EV उद्योग को स्थानीय निर्माण, बैटरी रीसायक्लिंग और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के मौसम और सड़क की जरूरतों के अनुसार उपयुक्त बैटरी स्टोरेज सिस्टम विकसित करना बहुत जरूरी है। उन्होंने याद दिलाया कि देश 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है। साथ ही, सरकार 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य भी लेकर चल रही है।

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