इन्फ्लुएंजा उप-प्रकार H3N2, जिसे आमतौर पर हांगकांग फ्लू कहा जाता है, पूरे भारत में सांस की बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में वृद्धि कर रहा है। H3N2 सभी गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमणों (SARI) और आउट पेशेंट इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के कम से कम 92 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है। यह अन्य इन्फ्लूएंजा उपप्रकारों की तुलना में अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती करा रहा है।
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एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस के मामले तेज़ी से सामने आ रहे हैं। अब लोग भी धीरे-धीरे टेस्ट के प्रति जागरूक होते जा रहे हैं, जिसके चलते टेस्टिंग सेंटर्स पर काफी भीड़ होने लगी है और टेस्ट की भी काफी डिमांड होने लगी है।
H3N2 वायरल बुखार
15 दिसंबर के बाद से अबतक बुखार के आधे केस इसी वायरल बुखार के दर्ज हो रहे हैं। बच्चे और बुजुर्ग तेजी से इस वायरल की चपेट में आ रहे हैं। H3N2 वायरस से देश में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है। ये दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में फैल चुका है। पश्चिम बंगाल में अभी तक इस वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस बुखार के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं।
H3N2 virus क्या है?
यह एक इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो श्वसन में संक्रमण पैदा करता है। यह वायरस पक्षियों और जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। पक्षियों और दूसरे जानवरों में इसके कई स्ट्रेन्स पैदा हो चुके हैं। H3N2 वायरस इन्फेलूएंजा-ए वायरस का सबटाइप है। WHO और अमेरिका के CDC के मुताबिक, यह मनुष्यों में इन्फ्लूएंजा का अहम कारण है।
कोरोना के बाद H3N2 का डर
ICMR के मुताबिक 15 दिसंबर से बुखार के सभी मामलों में से आधे में H3N2 वायरस पाया गया है। अस्पताल में भर्ती मरीजों में से आधे H3N2 के शिकार है। कुल भर्ती मरीजों में से 92 % को बुखार, 86 % को खांसी और 27 % को सांस लेने में दिक्कत हुई। H3N2 के शिकार 10% मरीजों को ऑक्सीजन और 7% को ICU में भर्ती करने की जरुरत पड़ रही है।
H3N2 के लक्षण
किसी भी बीमारी को समझने और उसका इलाज करने के लिए सबसे जरूरी यह होता है कि उसके लक्षणों को समझा जाए। ताकि सबसे पहले बीमारी की पहचान यानी निदान ठीक से हो सके। इसके लक्षण मौसमी फ्लू की तरह ही होते हैं, जो कभी-कभी अचानक सामने आते हैं। तो चलिए जानते हैं H3N2 के लक्षण क्या होते हैं।
- खांसी
- नाक बहना या बंद नाक
- गला खराब होना
- सिर दर्द
- शारीरिक दर्द
- बुखार
- ठंड लगना
- थकान
- दस्त
- उल्टी करना
H3N2 फ्लू का कारण
H3N2 फ्लू इंसानों से इंसानों में फैल सकता है। हालांकि, अभी तक इसके कम्यूनिटी स्प्रेड के मामले सामने नहीं आए हैं। यह संक्रामक वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने के साथ निकली छोटी-छोटी बूंदों की वजह से फैल सकता है। यहां तक कि संक्रमित व्यक्ति के बात करने के दौरान निकलने वाली ड्रॉप्लेट्स से भी यह फ्लू फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति यदि अपने मुंह, नाक को छूता है और आप उसके संपर्क में आते हैं तो आप इस फ्लू से संक्रमित हो सकते हैं। गर्भवती महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग H3N2 से संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है।
H3N2 virus कैसे फैलता है?
एच3एन2 इंफ्लूएंजा अत्याधिक संक्रामक वायरस है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मुंह या नाक से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है। हमारे छींकने, खांसने और यहां तक कि बोलने पर जो बूंदें निकलती हैं, वह आसपास मौजूद लोगों को संक्रमित कर सकती हैं। एक संक्रमित सतह को छूने के बाद अपने मुंह या नाक को उसी हाथ से छू लेने से भी आप संक्रमित हो सकते हैं। गर्भवति महिलाएं, नौजवां बच्चे, उम्रदराज लोग और जो लोग पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उनमें इस वायरस से संक्रमित होने का जोखिम और बढ़ जाता है।