Home   »   गुजरात ने कुटीर और ग्रामीण उद्योग...

गुजरात ने कुटीर और ग्रामीण उद्योग नीति 2024-29 शुरू की

गुजरात सरकार ने कुटीर और ग्रामीण उद्योगों को सशक्त बनाने, हस्तशिल्प को संरक्षित करने, और घरेलू व वैश्विक बाजार में उनकी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी कुटीर और ग्रामीण उद्योग नीति 2024-29 की शुरुआत की है। यह नीति कर्ज सहायता बढ़ाने, बुनियादी ढांचे के विकास, और ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना व जीआई टैगिंग जैसी पहलों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

नीति की मुख्य विशेषताएँ

1. ऋण और सब्सिडी में वृद्धि

  • श्री वाजपेयी बैंक योग्य योजना
    • ऋण सीमा ₹8 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख की गई।
    • सब्सिडी ₹1.25 लाख से ₹3.75 लाख तक बढ़ाई गई।
  • दत्तोपंत ठेंगड़ी शिल्पी ब्याज सब्सिडी योजना
    • शिल्पकारों को ₹1 लाख की जगह ₹3 लाख तक का कार्यशील पूंजी ऋण मिलेगा।

2. कौशल विकास और रोजगार सृजन

  • अगले पाँच वर्षों में 60,000 नए उद्यमियों को हस्तशिल्प, खादी, और हथकरघा में प्रशिक्षण।
  • 2029 तक 12 लाख रोजगार सृजित करने का लक्ष्य।

3. ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) के तहत अद्वितीय उत्पादों का प्रचार

  • प्रत्येक जिले में 10,000 उद्यमियों को लक्षित करते हुए गुजरात के 33 जिलों के विशेष उत्पादों को बढ़ावा।
  • सूरत में ₹280 करोड़ की लागत से पीएम एकता मॉल का निर्माण, जिसमें 98 शोरूम, कारीगरों के लिए आवास, और वाणिज्यिक सुविधाएँ होंगी।

4. बाजार विस्तार और बिक्री में वृद्धि

  • खादी, हथकरघा, और हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री ₹460 करोड़ से बढ़ाकर ₹1,500 करोड़ करने की योजना।
  • गांधीनगर में एक शिल्प संग्रहालय और कारीगरों की विस्तृत जनगणना।

5. भौगोलिक संकेतक (GI) टैगिंग

  • बौद्धिक संपदा को सुरक्षित करने और क्षेत्रीय हस्तशिल्प व हथकरघा उत्पादों को प्रीमियम उत्पादों के रूप में बढ़ावा देने के लिए जीआई प्रमाणन की सुविधा।

6. कौशल और बाजार आधुनिकीकरण

  • कारीगरों के लिए वार्षिक रिफ्रेशर प्रशिक्षण।
  • उत्पादन प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण करने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी उन्नयन का प्रचार।

प्रसंग और दृष्टिकोण

  • यह नीति प्रधानमंत्री द्वारा प्रोत्साहित “वोकल फॉर लोकल” पहल के साथ सामंजस्य रखती है।
  • गुजरात की खादी और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने की परंपरा को जारी रखते हुए यह नीति वैश्विक पहचान सुनिश्चित करने के लिए भविष्यवादी रणनीतियाँ अपनाती है।
गुजरात ने कुटीर और ग्रामीण उद्योग नीति 2024-29 शुरू की |_3.1