सरकारी भर्ती परीक्षाओं में ‘प्रश्न पत्र के लीक होने पर’ रोक लगाने के उद्देश्य से गुजरात विधानसभा ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया जिसमें इस तरह के कदाचार के लिए दस साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है। इस विधेयक में पेपर लीक जैसे धांधली के मामलों में अधिकतम 10 वर्ष के कारावास और कम से कम 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है, जो कि एक करोड़ भी हो सकता है।
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मुख्य बिंदु
- गुजरात विधानसभा में गुजरात सरकारी परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2023, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी द्वारा पेश किया गया। बहस के बाद इस विधेयक को सदन से पारित कर दिया गया। विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों ने भी विधेयक का समर्थन किया।
- विधेयक का उद्देश्य “अनुचित साधनों” पर अंकुश लगाना है, जिसमें प्रश्न पत्र को लीक करना या लीक करने का प्रयास करना, अनधिकृत तरीके से प्रश्न पत्र प्राप्त करना और प्रश्न पत्र को अनधिकृत तरीके से हल करना शामिल है।
- विधेयक के अनुसार, यदि कोई परीक्षार्थी ऐसे अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसे तीन वर्ष तक के कारावास की सजा होगी और कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा।
- वहीं, यदि कोई व्यक्ति निरीक्षण दल के किसी सदस्य या परीक्षा प्राधिकारी द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति को काम करने के दौरान बाधा उत्पन्न करता है या धमकी देता है, तो उसे भी तीन साल तक की कैद होगी और उसपर कम से कम एक लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा।
- यदि परीक्षार्थी सहित कोई भी व्यक्ति अनुचित साधनों में लिप्त होता है या अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है, तो उसे पांच साल के कारावास से दंडित किया जाएगा जो दस साल तक बढ़ सकता है।